कैब का विरोध करते हुए गई थी सैम स्टेफर्ड की जान, लोगों ने याद में जलाईं मोमबत्तियां
असम की राजधानी गुवाहाटी में हतीगांव से लेकर नामघर तक स्थानीय लोगों ने शनिवार शाम सैम स्टेफर्ड की याद में गलियों में मोमबत्तियां और मिट्टी के दिये जलाये, जिसकी कथित रूप से दो दिन पहले शहर में हुई गोलीबारी के दौरान मौत हो गई थी। चौराहे पर जमा हुए लोगों ने मोमबत्तियां तथा मिट्टी के दिये जलाकर उसे याद किया।
गुवाहाटी। असम की राजधानी गुवाहाटी में हतीगांव से लेकर नामघर तक स्थानीय लोगों ने शनिवार शाम सैम स्टेफर्ड की याद में गलियों में मोमबत्तियां और मिट्टी के दिये जलाये, जिसकी कथित रूप से दो दिन पहले शहर में हुई गोलीबारी के दौरान मौत हो गई थी।सैम (17) बृहस्पतिवार को नामघर में गली के चौराहे पर एक घटना में घायल हो गया था। इसके बाद उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
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पेशे से ड्रमर सैम तलासील प्लेग्राउंड से लौट रहा था, जहां प्रसिद्ध गायक जुबीन गर्ग ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता के लिये प्रस्तुति दी थी। किशोर के परिवार के सदस्य, दोस्त और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) के कार्यकर्ता शनिवार शाम चौराहे पर जमा हुए और मोमबत्तियां तथा मिट्टी के दिये जलाकर उसे याद किया।
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