पांच किलो लड्डू मांगने का खुला राज, रिश्वत लेते रंगे हांथों पकड़ा गया दरोगा
दिल्ली में बढ़ते भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए बीते कुछ दिनों से केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी CBI के निशाने पर दिल्ली के रिश्वतखोर दरोगा समेत बढ़े पुलिस कर्मी भी है। दिल्ली में लगातार CBI द्वारा रिश्वत लेते पकड़े गए कुछ दरोगा इस बात का सबूत हैं कि सीबीआई उनके ऊपर कचील की नज़र बनाए बैठी है।
नयी दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए बीते कुछ दिनों से केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी CBI के निशाने पर दिल्ली के रिश्वतखोर दरोगा समेत बढ़े पुलिस कर्मी भी है। दिल्ली में लगातार CBI द्वारा रिश्वत लेते पकड़े गए कुछ दरोगा इस बात का सबूत हैं कि सीबीआई उनके ऊपर कचील की नज़र बनाए बैठी है। मालूम हो कि कुछ दिन पहले ही CBI ने एक महिला दरोगा को रिश्वत लेते पकड़ा था वहीं इस कड़ी में एक और दरोगा पकड़ा गया। इस दरोगा ने रिश्वत में 5 लाख रुपयों की डिमांड की थी जिसके बाद सीबीआई ने इसे रंगे हाथ पकड़ लिया।
‘पांच किलो लड्डू’ का कोडवर्ड तय कर रखा था
मीडिया में आई खबरों की मानें तो, पीड़ित पक्ष से डील तय होने के बाद सब-इंस्पेक्टर ने मोबाइल पर बात करने के लिए रिश्वत के पांच लाख रुपयों को ‘पांच किलो लड्डू’ का कोडवर्ड तय कर रखा था। ताकि अगर CBI या फिर कोई अन्य शख्स उसकी मोबाइल पर चल रही बातचीत को सुने तो, वो न तो समझ सके और न ही रंगे हाथ पकड़े जाने पर कोई गिरफ्तार दारोगा पर रिश्वत लेने का आरोप आसानी से सिद्ध कर सके। आपको बता दें कि, गिरफ्तार दारोगा का नाम भोजराज है और CBI द्वारा रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया गिरफ्तार सब-इंस्पेक्टर भोजराज सिंह दक्षिणी दिल्ली के मैदान गढ़ी थाने में तैनात था।
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अकेले नहीं खाऊंगा, साहब को भी दूंगा लड्डू
रिश्वत लेने के आरोप में सब इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी की पुष्टि दिल्ली के DCP और CBI ने गुरूवार को थी, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों के मुताबिक पीड़ितों से चल रही पांच लाख रुपए की ‘डील’ के दौरान थानेदार यह भी कहते सुना गया कि, रिश्वत के यह पांच किलो लड्डू मैं अकेले ही थोड़ी खाऊंगा। इन लड्डूओं में से ‘साहब’ को भी खिलाने हैं, वो साहब कौन हैं जिसे रिश्वत की रकम में से हिस्सा दिया जाता, उससे पहले ही साहब का थानेदार CBI द्वारा धर लिया गया।
दरोगा से पूछताछ में जुटी पुलिस
रिश्वत लेने के मामले में तमाम तथ्यों की जांच में सीबीआई फिलहाल जांच में जुटी है, खबरों की मानें तो, CBI प्रवक्ता के मुताबिक दारोगा के अड्डों पर भी छापे मारे गए हैं जहां से करीब एक करोड़ बारह लाख नकद रुपए मिले हैं। CBI के मुताबिक, “शिकायकर्ता हनी त्यागी उर्फ मनोज और उसके दोस्त अनुज के खिलाफ दक्षिणी दिल्ली जिले के थाना मैदान गढ़ी में इसी साल बीती 23 अगस्त को मारपीट, जान से मारने और धमकी देने का मुकदमा दर्ज हुआ था।
रिश्वतखोर दरोगा कैसे लगा हाथ
मनोज और अनुज मामले की जांच सब-इंस्पेक्टर भोजराज सिंह के हवाले से की जा रही थी, हनी ने 26 अक्टूबर 2021 को CBI में शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें उसने सब इंस्पेक्टर भोजराज सिंह के ऊपर आरोप लगाया कि, अदालत में उसकी जमानत अर्जी का विरोध न करने की एवज में सब-इंस्पेक्टर भोज राज पांच लाख रुपए रिश्वत की डिमांड कर रहा है। आखिर में वो कम से कम दो लाख रुपए लेने के वादे पर राजी हुआ है। सब इंस्पेक्टर ने दो लाख रुपए रिश्वत लेने के बाद आरोपी पक्ष की कोर्ट में आईंदा भी मदद करने का आश्वासन भी CBI के शिकायतकर्ता को दे दिया।
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मोबाइल रिकोर्डिंग बना सबूत
आपको बता दें कि, CBI ने शिकायतकर्ता और सब-इंस्पेक्टर भोजराज के बीच मोबाइल फोन पर हुई बातचीत को बतौर सबूत सबसे पहले रिकार्ड किया। सब-इंस्पेक्टर ने रिश्वत की रकम के लिए ‘लड्डू’ और ‘चीनी’ जैसे कोडवर्ड्स का प्रयोग कर रिश्वत की बात की। ताकि कोई तीसरा शख्स अगर उनके बीच की बातचीत को सुने तो वो साबित न कर सके कि यह रिश्वत की डील हो रही है
CBI ने घर पर मारा छापा
जाल में फंसे गिरफ्तार सब-इंस्पेक्टर भोजराज सिंह के घर पर CBI ने छापा मारा तो वहां से करीब एक करोड़ सात लाख रुपए नकद मिले। जबकि कार से CBI ने करीब पांच लाख 47 हजार रुपए बरामद किए गए। गुरुवार को दक्षिण दिल्ली जिला की डीसीपी बेनीता मेरी जेकर ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि “सब-इंस्पेक्टर भोजराज को सिलेक्ट सिटी मॉल में रिश्वत लेते हुए CBI की टीम द्वारा पकड़ा गया। रिश्वत लेन-देन के इस मामले में CBI के शिकायकर्ता के खिलाफ मैदान गढ़ी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था।
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