चीन ने स्वतंत्रता के ‘कट्टर हिमायती’ ताइवान के शीर्ष सात अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया

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कई देशों के राजनयिकों द्वारा ताइवान की यात्रा करने के मद्देनजर चीन ने मंगलवार को, स्वतंत्रता समर्थक सात ताइवानी नेताओं और अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया। इन नेताओं में वाशिंगटन में ताइपे के प्रतिनिधि शामिल हैं। अगस्त की शुरुआत में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था।

बीजिंग, 17 अगस्त। कई देशों के राजनयिकों द्वारा ताइवान की यात्रा करने के मद्देनजर चीन ने मंगलवार को, स्वतंत्रता समर्थक सात ताइवानी नेताओं और अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया। इन नेताओं में वाशिंगटन में ताइपे के प्रतिनिधि शामिल हैं। अगस्त की शुरुआत में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था। इसके बाद सोमवार को डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर एड मार्की के नेतृत्व में अमेरिकी संसद के एक प्रतिनिधिमंडल ने ताइवान का दौरा किया था। ताइवान एक स्वशासित द्वीप समूह है और चीन इसे अपना भाग मानता है।

गत सप्ताह, यूरोपीय संघ के सदस्य लिथुआनिया की उप परिवहन मंत्री एग्ने वैसीयूकेविशिएट ने भी ताइवान का दौरा किया था। चीन पहले ही पेलोसी और एग्ने पर प्रतिबंध लगा चुका है। इसके अलावा चीन ने ताइवान जलडमरुमध्य में वृहद पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया था जिससे ताइवान के साथ सैन्य संघर्ष शुरू होने की आशंका पैदा हो गई थी। चीन को डर है कि पेलोसी के दौरे के बाद अमेरिकी के शीर्ष अधिकारी स्वशासित द्वीप समूह का दौरा करेंगे।

चीन ने ताइवान सरकार के सात अधिकारियों और नेताओं पर यह कहते हुए पाबंदी लगाई है कि उन्होंने ताइवान के स्वतंत्रता समर्थक एजेंडे को बढ़ावा देने का काम किया। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के ताइवान मामलों के कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि जिन अफसरों-नेताओं पर प्रतिबंध लगाए गए हैं उन्हें व उनके परिवार के सदस्यों को चीन की मुख्य भूमि, हांगकांग और मकाउ में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाबंदी के तहत उन्हें चीन की मुख्यभूमि पर व्यवसाय करने की अनुमति भी नहीं होगी।

चीनी सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा, “इन लोगों से संबद्ध कंपनियां और वित्तीय प्रायोजकों को मुख्य भूमि से लाभ लेने की अनुमति नहीं होगी।” प्रवक्ता ने कहा कि ताइवान कार्यालय अन्य आवश्यक कदम भी उठाएगा और जिन पर पाबंदी लगाई गई है उन्हें ‘आजीवन दोषी’ ठहराया जाएगा। चीन के ताइवान मामलों के कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा, “कुछ समय के लिए, ताइवान स्वतंत्रता के कट्टर समर्थकों ने बाहरी ताकतों के साथ सांठगांठ कर ‘आजादी’ की भावना को भड़काने का काम किया।

जानबूझकर संघर्ष की स्थिति पैदा करने की कोशिश की गई और ताइवान जलसंधि की स्थिरता और शांति को भंग करने का प्रयास किया गया। उन्होंने पेलोसी की ताइवान यात्रा के दौरान निराशाजनक काम किया था।” प्रवक्ता ने कहा, “मंगलवार को घोषित किये गए कट्टर अलगाववादियों के नाम केवल सूची का एक हिस्सा हैं।” प्रतिबंध की सूची में शामिल सात लोगों में छह ताइवान की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) के सदस्य हैं जो स्वतंत्रता की हिमायती है।

चीन ने जिन सात ताइवानी अधिकारियों पर पाबंदी लगाई है उनमें अमेरिका में ताइवान के प्रतिनिधि हस्लाओ बी खिम, विधायिका के डीपीपी कॉकस के प्रमुख केर चिएन मिंग शामिल हैं। इनके अलावा विदेश और रक्षा संबंध मामलों की समिति के सदस्य व सांसद वांग तिंग यू, ताइवान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के महासचिव वेलिंगटन कू, ताइवान की विधायिका के उपाध्यक्ष त्साई ची-चांग, डीपीपी के उप महासचिव लिप फेई फान को भी चीन ने प्रतिबंधित किया है।

हांगकांग से प्रकाशित साउथ मॉर्निंग पोस्ट अखबार की खबर के मुताबिक न्यू पावर पार्टी की अध्यक्ष और सांसद चेन जिआउ हुआ गैर डीपीपी सदस्य हैं जिन्हें चीन द्वारा प्रतिबंधित किया गया है। गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर ने चीन ने ताइवान के प्रीमियर सु त्सेंग चांग, ताइवानी विधायिका के अध्यक्ष यू सी कुन और ताइवानी विदेश मंत्री जोसफ वु को प्रतिबंधित किया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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