नहीं बन पाई गठबंधन पर बात, अब पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेगी कांग्रेस

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[email protected] । Feb 27 2019 8:48AM

पश्चिम बंगाल को लेकर माकपा और वाम मोर्चा कुछ सीटों को लेकर अड़ियल रुख अख्तियार किये हुए हैं। जिसकी वजह से कांग्रेस की बात आगे बढ़ती हुई नहीं दिख रही। लिहाजा अकेले चुनाव लड़ना कांग्रेस के लिए बेहतर होगा।

कोलकाता। माकपा के नेतृत्व वाले वामदलों के मोर्चे के 'अड़ियल' रवैये से नाराज कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ सकती है। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि कांग्रेस बुधवार को होने वाली अपनी चुनाव समिति की बैठक में इस मामले पर अंतिम फैसला लेगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पहले ही राज्य की 42 सीटों पर चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं का बायो-डाटा मांग चुकी है।

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प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने मंगलवार को कहा कि फिलहाल हम राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि माकपा और वाम मोर्चा कुछ सीटों को लेकर अड़ियल रुख अख्तियार किये हुए हैं। बात आगे बढ़ती हुई नहीं दिख रही। लिहाजा अकेले चुनाव लड़ना बेहतर है। इससे दो दिन पहले ही माकपा राज्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिये अपने दो सहयोगी दलों आरएसपी और भाकपा को साथ लाने में कामयाब हुई थी। 

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हालांकि, वाम मोर्चे का एक अन्य घटक दल फॉरवर्ड ब्लॉक इस कदम से सहमत नहीं है क्योंकि वह पुरुलिया कूचबिहार और बारासात लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ना चाहता है, जहां कांग्रेस भी अपने उम्मीदवार उतारना चाहती है। प्रदेश कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता ने कहा, "इन तीन सीटों के अलावा रायगंज और मुर्शिदाबाद सीटें भी मुश्किल का सबब बनी हुई हैं। इसके अलावा हम 18 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन माकपा हमें सिर्फ 12 सीटें देने को तैयार है। लिहाज़ा अकेले चुनाव लड़ना ही बेहतर है।"

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