कांग्रेस विधायक बोलने लगे बीजेपी की भाषा, कहा- राहुल गांधी मांगे माफी

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दिनेश शुक्ल । Sep 20 2019 4:37PM

लक्ष्मण सिंह ने 2003 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे वह दो बार भाजपा से सांसद भी रहे। लेकिन 2010 में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के खिलाफ बोलने पर उन्हें पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया था। जिसके बाद वह 2013 में एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो गए।

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह इन दिनों विपक्ष की भाषा बोल रहे है। उन्होनें कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मध्यप्रदेश की जनता से माफी मांगने के लिए कहा है। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि राहुल गांधी को कर्जमाफी के मुद्दे पर प्रदेश के किसानों से माफी मांगनी चाहिए। माफी मांगने में कोई बुराई नहीं है। उन्होनें कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भी किसानों से किया गया वादा पार्टी पूरा नहीं कर पाई है। विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने प्रदेश के किसानों का दस दिन के अंदर दो लाख तक का कर्ज माफ करने की बात कही थी।

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प्रदेश के चाचौड़ा विधानसभा से कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह के वादे नहीं किए जाने चाहिए। आगे के वादे करने के बजाय, उचित समय सीमा बताना चाहिए कि किसानों का पूरा कर्ज कब माफ कर दिया जाएगा। पार्टी के नेताओं को इस बात का खास ध्‍यान रखना चाहिए। यही नहीं उन्होनें केन्द्रीय नेतृत्व पर भी सवाल खड़े कर दिए। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भोपाल आना चाहिए और राज्य के नेतृत्व संकट को हल करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करनी चाहिए।

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जबकि मुख्यमंत्री कमलनाथ को उन्होनें मजबूर सीएम बताते हुए कहा कि कमलनाथ को राजनीति का काफी अनुभव है, लेकिन इस समय मध्‍यप्रदेश में एक बड़ा वित्तीय संकट है। ऐसे में पार्टी को किसानों से किए गए वादे को पूरा न कर पाने के लिए खेद प्रकट करना चाहिए। लक्ष्मण सिंह ने अपनी ही पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी नहीं छोड़ा उन्होनें कहा कि कांग्रेस पार्टी की ये सबसे बड़ी विडंबना रही है कि शीर्ष नेतृत्व केवल कुछ चुनिंदा लोगों से ही मिलता है। भविष्‍य में भी यदि ऐसा ही देखने को मिला, तो मुझे नहीं पता कि पार्टी का क्या होगा।

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लक्ष्मण सिंह ने 2003 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे वह दो बार भाजपा से सांसद भी रहे। लेकिन 2010 में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के खिलाफ बोलने पर उन्हें पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया था। जिसके बाद वह 2013 में एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो गए। हालही में मध्यप्रदेश कांग्रेस में हुई अनुशासनहीनता को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सख्ती बरतते हुए पार्टी नेताओं को अनुशासन में रहने की हिदायत दी थी। लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस में अनुशासनहीनता धमने का नाम नहीं ले रही है। अब कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के विधायक भाई ने केन्द्रीय नेतृत्व पर ही सवाल खडे कर दिए है।

 

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