जम्मू-कश्मीर में पहली बार 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाएगा

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[email protected] । Nov 25 2019 7:05PM

देशव्यापी अभियान के तहत नव गठित केंद्र शासित प्रदेश में भी मंगलवार को मौलिक कर्तव्यों को लेकर अभियान की शुरुआत होगी और इसका समापन अगले साल 14 अप्रैल को डॉ. भीम राव आंबेडकर की जयंती पर होगा। गौरतलब है कि 26 नवंबर का ऐतिहासिक महत्व है।

जम्मू। जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने और वर्ष 1957 से लागू राज्य संविधान भंग होने के बाद पहली बार 26 नंवबर को भारत का संविधान अंगीकार करने की 70वीं सालगिरह मनाएगा। 

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जम्मू-कश्मीर के सामान्य प्रशासन विभाग के अतिरिक्त सचिव सुभाष सी छिब्बर ने सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा, ‘‘ संविधान निर्माताओं के योगदान के प्रति आभार प्रकट करने और इसमें शामिल उत्कृष्ट मूल्यों और नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस वर्ष संविधान स्वीकार करने की 70वीं सालगिरह है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी कार्यालय सहित सभी संस्थानों में सुबह 11 बजे संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा जाएगा और इसके बाद लोग मौलिक कर्तव्यों का अनुपालन करने की शपथ लेंगे।’’ 

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आदेश के मुताबिक, ‘‘मंडलायुक्त, जिला उपायुक्त, विभागों के प्रमुख, सभी पुलिस प्रतिष्ठान यह सुनिश्चित करें कि उनके सभी अधीनस्थ कार्यालय प्रस्तावना को पढ़े और मौलिक कर्तव्यों के अनुपालन की शपथ लें।’’ देशव्यापी अभियान के तहत नव गठित केंद्र शासित प्रदेश में भी मंगलवार को मौलिक कर्तव्यों को लेकर अभियान की शुरुआत होगी और इसका समापन अगले साल 14 अप्रैल को डॉ. भीम राव आंबेडकर की जयंती पर होगा। गौरतलब है कि 26 नवंबर का ऐतिहासिक महत्व है। 1949 में इसी दिन भारत के संविधान को अंगीकार किया गया और 26 जनवरी 1950 को यह पूरी तरह से प्रभावी हुआ और देश गणतंत्र बना। 

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