आज ही के दिन पैदा हुए थे देश के पहले अंतरिक्ष यात्री Rakesh Sharma, भारतीय वायुसेना में भी की है नौकरी

भारतीय विंग कमांडर राकेश शर्मा आज 76 वर्ष के हो जाएंगे। राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले 128वें इंसान और पहले भारतीय व्यक्ति थे। उन्होंने 1970 में एयरफोर्स बतौर पायलट ज्वाइन की थी। पाकिस्तान के साथ 1971 की जंग में उन्होंने 21 बार मिग-21 से उड़ान भरी थी और उस वक्त वो 23 साल के भी नहीं हुए थे।
अंतरिक्ष में कदम रखने पहले भारतीय विंग कमांडर राकेश शर्मा आज 76 वर्ष के हो जाएंगे। राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले 128वें इंसान और पहले भारतीय व्यक्ति थे। उन्होंने 1970 में एयरफोर्स बतौर पायलट ज्वाइन की थी। पाकिस्तान के साथ 1971 की जंग में उन्होंने 21 बार मिग-21 से उड़ान भरी थी और उस वक्त वो 23 साल के भी नहीं हुए थे। राकेश शर्मा जब 25 साल के थे, तभी एयरफोर्स के सबसे बेहतरीन पायलट बन गए थे। 1982 में राकेश शर्मा को दो दर्जन से ज्यादा फाइटर पायलटों के टेस्ट के बाद अंतरिक्ष यात्रा के लिए चुना गया था। जिसके बाद उन्हें रूस में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था।
राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1949 पंजाब के पटियाला में हुआ था। शर्मा की पढ़ाई हैदराबाद स्थित सेंट जॉर्ज ग्रामर स्कूल और निजाम कॉलेज से हुई थी। इसके बाद वह जुलाई 1966 में एयरफोर्स कैडेट के तौर पर नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में शामिल हुए। उनॉको 1970 में भारतीय वायुसेना में एयरफोर्स पायलट के तौर पर कमीशन मिला। वे 3 अप्रैल 1984 को सोवियत के इंटरकॉस्मोस प्रोग्राम के तहत सोयूज टी-11 स्पेसक्रॉफ्ट में सवार होकर अंतरिक्ष के सफर पर रवाना हुए थे। इसरो और सोवियत संघ (अब रूस) के ज्वॉइंट मिशन के तहत राकेश शर्मा ने 3 अप्रैल 1984 को सोयूज टी-11 से अंतरिक्ष यात्रा शुरू की थी। अंतरिक्ष में उन्होंने 7 दिन 21 घंटे और 40 मिनट बिताए थे।
'सारे जहां से अच्छा' दिखता है भारत
अंतरिक्ष से सोयूज टी-11 की क्रू के साथ ज्वॉइंट कॉन्फ्रेंस के जरिए देश ने पहली बार अंतरिक्ष में मौजूद अपने नागरिक के साथ बात की थी। उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राकेश शर्मा ने पूछा था कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है? उन्होंने हिंदी में जवाब दिया था- सारे जहां से अच्छा।
हीरो ऑफ द सोवियत यूनियन अवॉर्ड से नवाजा गया
अंतरिक्ष से लौटने के बाद राकेश शर्मा ने फिर से जेट पायलट के तौर पर अपनी जिंदगी शुरू की। उन्होंने जगुआर जैसे लड़ाकू विमान उड़ाए। राकेश शर्मा को हीरो ऑफ द सोवियत यूनियन अवॉर्ड से भी नवाजा गया है। वो इकलौते भारतीय हैं, जिन्हें ये सम्मान मिला है। इसके साथ ही उन्हें अशोक चक्र से भी सम्मानित किया गया है।
बांग्लादेश की आजादी में भी लिया हिस्सा
राकेश शर्मा ने 1971 में हुए बांग्लादेश युद्ध में भी शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान कॉम्बैट मिशन के लिए 21 बार मिग 21 में उड़ान भरी। इसके बाद 1982 में उनका चयन भारत-सोवियत की संयुक्त स्पेसफ्लाइट के लिए बतौर कॉस्मोनॉट हुआ। 3 अप्रैल 1984 को वह अंतरिक्ष यात्रा पर रवाना हुए। उसी साल उन्हें प्रमोट करके स्क्वॉड्रन लीडर भी बनाया गया था।
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