कोरोना के चलते HC ने 2,961 विचाराधीन कैदियों की अंतरिम जमानत 45 दिन के लिए बढ़ाई

High Court

अदालत ने कहा कि अंतरिम जमानत की अवधि खत्म होने के दिन से इन विचाराधीन कैदियों की अंतरिम जमानत समान नियम-शर्तों पर 45 दिन के लिए बढ़ाई जाती है। मामले में अगली सुनवाई चार अगस्त को होगी।

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के दौरान जेलों में भीड़ कम करने के उद्देश्य से सोमवार को 2,961 विचाराधीन कैदियों की अंतरिम जमानत 45 दिन के लिए बढ़ा दी। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने उच्चाधिकार प्राप्त समिति की उस सिफारिश के मद्देनजर यह आदेश पारित किया जिसमें कहा गया था कि महामारी का खतरा अब भी काफी अधिक होने के कारण कैदियों को जेल में वापस भेजना जोखिम भरा होगा। अदालत ने कहा कि अंतरिम जमानत की अवधि खत्म होने के दिन से इन विचाराधीन कैदियों की अंतरिम जमानत समान नियम-शर्तों पर 45 दिन के लिए बढ़ाई जाती है। मामले में अगली सुनवाई चार अगस्त को होगी। 

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न्यायमूर्ति हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली समिति ने 20 जून को हुई अपनी बैठक में कहा था कि क्योंकि इस बारे में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता कि महामारी का खतरा कब टलेगा और भौतिक दूरी बनाए रखने की जरूरत कब खत्म होगी, इसलिए विचाराधीन कैदियों की अंतरिम जमानत क्रमश: उनकी अंतरिम जमानत की अवधि खत्म होने के दिन से और बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। सुनवाई के दौरान जेल अधिकारियों की ओर से पेश हुए दिल्ली सरकार के स्थायी वकील राहुल मेहरा और अधिवक्ता चैतन्य गोसाईं ने कहा कि उन्हें जमानत बढ़ाए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। 

पीठ ने कहा, ‘‘तदनुसार, आदेश दिया जाता है कि 2,961 विचाराधीन कैदियों को 45 दिन के लिए मिली अंतरिम जमानत, उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिशों के मद्देनजर, क्रमश: उनकी अंतरिम जमानत अवधि खत्म होने के दिन से, समान नियम-शर्तों पर 45 दिन के लिए और बढ़ाई जाती है।’’ 

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अदालत ने जेल महानिदेशक को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि संबंधित सभी 2,961 विचाराधीन कैदियों को आदेश की जानकारी टेलीफोन या अन्य उपलब्ध माध्यमों से दी जाए। सुनवाई के दौरान दिल्ली राज्य कानूनी सेवाएं प्राधिकरण के सदस्य सचिव कंवलजीत अरोड़ा ने कहा कि स्थिति पहले जैसी ही है और विचाराधीन कैदियों को जेल में इस समय वापस लाना संभव नहीं है। इसलिए राहत की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए। जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा कि जेलों में भीड़ कम करने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले जेल में 10 हजार की क्षमता के विपरीत 18 हजार कैदी थे। भीड़ कम करने के कदम के बाद यद्यपि जेल में अब भी क्षमता से अधिक कैदी हैं, लेकिन अब इनकी संख्या 13,677 है जो एक बड़ी राहत है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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