‘जल्लीकट्टू’ के स्थायी समाधान की मांग को लेकर प्रदर्शन

तमिलनाडु पुलिस ने जल्लीकट्टू के आयोजन के स्थायी समाधान की मांग को लेकर पिछले एक सप्ताह से मरीना बीच पर प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को आज तड़के हटाना शुरू कर दिया।

चेन्नई। तमिलनाडु पुलिस ने जल्लीकट्टू के आयोजन के स्थायी समाधान की मांग को लेकर पिछले एक सप्ताह से मरीना बीच पर प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को आज तड़के हटाना शुरू कर दिया। एक परामर्श के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाना शुरू कर दिया है। यह कदम ऐसे दिन उठाया गया है जब राज्य विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद इस मामले पर चर्चा किये जाने की संभावना है। टीवी फुटेज में खाकी वर्दी पहने पुरुष और महिलाएं यहां मशहूर मरीना बीच से प्रदर्शनकारियों को हटा रहे हैं। प्रदर्शनकारी पिछले एक सप्ताह से यहां प्रदर्शन कर रहे हैं जिसका सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और द्रमुक समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने समर्थन किया है।

मरीना बीच पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए एक अध्यादेश जारी करने के सरकार के फैसले के बावजूद छात्रों और युवाओं का प्रदर्शन जारी है। राज्य के कुछ हिस्सों में सांडों की लड़ाई का यह खेल आयोजित कराया गया। प्रदर्शनकारियों ने इस मुद्दे का स्थायी समाधान मिलने तक अपना प्रदर्शन जारी रखने का संकल्प जताया है ताकि जल्लीकट्टू का हर साल बिना किसी बाधा के आयोजन किया जा सके।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को उनका मकसद पूरा होने के कारण उनके ‘अनुशासित और शांतिपूर्ण’ प्रदर्शन को खत्म करने के लिए परामर्श दिया था जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। मीडिया में जारी परामर्श में कहा गया है कि तमिलनाडु में जल्लीकट्टू को आयोजित कराये जाने पर प्रतिबंध को हटाने की मांग को लेकर हजारों युवा, छात्र और आम लोग 17 जनवरी से मरीना में प्रदर्शन कर रहे हैं। यह लोग आम जनता को किसी तरह की असुविधा के बिना और यातायात को बाधा पहुंचाये बिना अनुशासित और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे है।

परामर्श में कहा गया है, ‘‘यहां तक कि प्रदर्शकारियों ने कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने और सुचारू यातायात के लिए पुलिस को भी पूरा सहयोग दिया। तमिलनाडु सरकार ने प्रत्येक कदम उठाया और तमिलनाडु के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए रविवार को राज्य में विभिन्न स्थानों पर जल्लीकट्टू आयोजित कराया गया। एकता और अनुशासन के साथ किये गये प्रदर्शन का मकसद पूरा हो गया है इसलिए प्रदर्शनकारियों से इसी तरह शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से मरीना छोड़ने और चेन्नई पुलिस के साथ सहयोग करने का आग्रह किया जाता है।’’

राज्य विधानसभा में आज राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सरकार पशुओं के खिलाफ क्रूरता की रोकथाम अधिनियम, 1960 में संशोधन करने के लिए एक विधेयक ला सकती है। कोयम्बटूर में भी छात्रों और अन्य प्रदर्शनकारियों को वीओसी पार्क ग्राउंड से जबरन हटाया गया। वे पिछले छह दिनों से यहां प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें उठाकर मैदान से बाहर भेज दिया लेकिन इसके तुरंत बाद वे वहीं लौट आये। जब पुलिस छात्रों को उठा रही थी तो वे ‘वंदे मातरम्’ के नारे लगा रहे थे।

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