गाजा में हो रही पीड़ा से व्यथित हूं, भारत को दृढ़ता से बोलना चाहिए: स्टालिन

नवजातों की चीखें, भूख से तड़पते बच्चे, अस्पतालों पर बमबारी, और संयुक्त राष्ट्र की जांच आयोग द्वारा घोषित किया गया नरसंहार — यह सब मिलकर उस पीड़ा को दर्शाते हैं, जो किसी भी इंसान को कभी नहीं झेलनी चाहिए।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बृहस्पतिवार को कहा कि गाजा में लोगों को हो रही पीड़ा से वह अत्यंत व्यथित हैं और इस मामले में सरकार को दृढ़ता से बोलना चाहिये स्टालिन ने ज़ोर देकर कहा कि भारत को इस मुद्दे पर स्पष्ट और दृढ़ स्वर में बोलना चाहिए तथा विश्व समुदाय को इस भयावहता को समाप्त करने के लिए एकजुट होना चाहिए।
उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘गाज़ा कराह रहा है, दुनिया को आंखें मूंदे नहीं रहना चाहिए। गाजा में जो कुछ हो रहा है, उसे देखकर मैं शब्दों से परे व्यथित हूं। हर दृश्य हृदय विदारक है — नवजातों की चीखें, भूख से तड़पते बच्चे, अस्पतालों पर बमबारी, और संयुक्त राष्ट्र की जांच आयोग द्वारा घोषित किया गया नरसंहार — यह सब मिलकर उस पीड़ा को दर्शाते हैं, जो किसी भी इंसान को कभी नहीं झेलनी चाहिए।’’
उन्होंने आगे लिखा, ‘‘जब निर्दोष लोगों का इस तरह से दमन किया जा रहा हो, तो चुप्पी कोई विकल्प नहीं हो सकती। हर ज़मीर को जागना चाहिए। भारत को दृढ़ता से अपनी बात रखनी चाहिए, दुनिया को एकजुट होना चाहिए और हमें मिलकर इस भयावहता को अभी समाप्त करना होगा।
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