डीयू ने यूजीसी की सिफारिशें स्वीकारीं, ‘‘घट सकती हैं नौकरियां’’

डीयू ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा हाल ही में किए गए संशोधन को स्वीकार कर लिया है। अध्यापकों का दावा है कि इससे करीब 4,000 अस्थायी अध्यापकों की नौकरी जा सकती है।

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा हाल ही में किए गए संशोधन को स्वीकार कर लिया है। अध्यापकों का दावा है कि इससे करीब 4,000 अस्थायी अध्यापकों की नौकरी जा सकती है। अध्यापकों के विरोध के बीच डीयू की अकादमिक परिषद ने यूजीसी के तीसरे और चौथे संशोधन और कालेजों एवं विभाग में नियुक्तियों व पदोन्नति के मुद्दे पर कुलपति द्वारा नियुक्त समिति की सिफारिशों पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को बैठक की।

इस बैठक का एजेंडा ‘‘यूजीसी द्वारा 4 मई, 2016 को (तीसरे संशोधन) और अध्यापकों एवं अन्य अकादमिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम पात्रता के संबंध में 11 जुलाई, 2016 को (चौथा संशोधन) जारी अधिसूचना को अपनाने के प्रस्ताव पर चर्चा करना था।’’ डीयू के रजिस्ट्रार तरुण दास ने देर रात एक बयान जारी कर कहा, ''आज अकादमिक परिषद ने यूजीसी नियमन के तीसरे एवं चौथे संशोधनों पर चर्चा की और सैद्धांतिक रूप से इसे स्वीकार कर लिया।’’ हालांकि अध्यापकों का दावा है कि यह निर्णय टाल दिया गया है और समिति का विस्तार करने की उनकी मांग मान ली गई है। अकादमिक परिषद के सदस्य नचिकेता सिंह ने कहा, ''मौजूदा समिति प्रतिनिधि नहीं है क्योंकि इसमें कोई अध्यापक निर्वाचित सदस्य नहीं है। इस समिति का विस्तार किया जाएगा और यह अपनी सिफारिशें देगी।’'

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