फडणवीस ने सावरकर विवाद पर कहा कि महात्मा गांधी ने भी ऐसे पत्र लिखे थे

Fadnavis
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गुजरात में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भावनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें गांधी-नेहरू परिवार को छोड़कर राष्ट्रीय नायकों को अपमानित करने का शौक है।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि स्वतंत्रता सेनानी वी डी सावरकर के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा उद्धृत पत्र ब्रिटिश शासन के दौरान आम बात थी और यहां तक कि महात्मा गांधी भी इस तरह के पत्र लिखते थे। गुजरात में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भावनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें गांधी-नेहरू परिवार को छोड़कर राष्ट्रीय नायकों को अपमानित करने का शौक है।

राहुल ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के अकोला जिले में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया था कि सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी और डर की वजह से उन्हें माफीनामा लिखकर दिया था। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि सावरकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रतीक हैं।

फडणवीस ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ राहुल गांधी ने जो भी कहा वह बचकाना था। जिस प्रकार के पत्र वह दिखा रहे हैं... मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि महात्मा गांधी जी ने भी ऐसे पत्र लिखे थे। लोगों ने उन्हें प्रकाशित भी किया है। गांधी-नेहरू परिवार को छोड़कर वह हमेशा हमारे सम्मानित राष्ट्रीय हस्तियों का अपमान करते हैं। ’’ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ वह सावरकर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस या सरदार पटेल में विश्वास नहीं करते हैं। इसके बजाय वह हमेशा उन्हें बदनाम करने की कोशिश करते हैं। ’’

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर चुनाव प्रचार के सिलसिले में सूरत जिले में थे। उन्होंने भी सावरकर को लेकर गांधी और कांग्रेस की खिंचाई करते हुए कहा कि विपक्षी दल और उसके नेता कभी भी एक परिवार से आगे नहीं देख पाएंगे। ठाकुर ने सूरत में एक रैली में कहा, इससे पहले, वह हिंदू आतंकवाद की बात करते थे और भारत को टुकड़े-टुकड़े करने की इच्छा रखने वालों का समर्थन करने के लिए जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) भी गए थे। अब, वह सावरकर की आलोचना कर रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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