किसान विरोध: दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में निगरानी बढ़ी

Farmer protests

पुलिस ने बताया कि सीमा को सील नहीं किया गया है लेकिन वे राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की जांच कर रहे हैं। सभी चौकियां मुस्तैद हैं। इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने 26 और 27 नवंबर को केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन करने के विभिन्न किसान संगठनों के अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया था।

नयी दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के दिल्ली चलो विरोध मार्च के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी के सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी निगरानी सख्त कर दी। राष्ट्रीय राजधानी के सीमाई इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और आने वाले सभी वाहनों की जांच की जा रही है। पुलिस ने कहा कि सिंघू सीमा पर दिल्ली पुलिस ने किसानों द्वारा संचालित ट्रैक्टरों की आवाजाही रोकने के लिए रेत से भरे पांच ट्रकों को खड़ा किया है। यह पहला मौका है जब शहर की पुलिस ने सीमा पर रेत से भरे ट्रकों को तैनात किया है। सुरक्षा के उद्देश्य से ड्रोन भी तैनात किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि सीमा को सील नहीं किया गया है लेकिन वे राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की जांच कर रहे हैं। सभी चौकियां मुस्तैद हैं। इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने 26 और 27 नवंबर को केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन करने के विभिन्न किसान संगठनों के अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया था। किसानों के मार्च को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ट्रेनें बृहस्पतिवार को दोपहर दो बजे तक पड़ोसी शहरों से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं को पार नहीं करेंगी। दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने कहा कि इस अवधि में आनंद विहार से वैशाली और न्यू अशोक नगर से नोएडा सिटी सेंटर तक कोई मेट्रो सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी। सुल्तानपुर और गुरु द्रोणाचार्य मेट्रो स्टेशनों के बीच बृहस्पतिवार को दोपहर दो बजे तक मेट्रो सेवा उपलब्ध नहीं होगी। हालांकि, इसी अवधि के दौरान हवाई अड्डे और रैपिड मेट्रो लाइनों पर नियमित मेट्रो सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने सीमावर्ती इलाकों का दौरा किया और वहां की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा,‘‘कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के तहत यहां राजनीतिक सभा की अनुमति नहीं है और इसीलिए किसानों के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था। यदि वे अभी भी प्रयास करते हैं, तो हमने सीमाओं पर जवानों को तैनात किया है ताकि उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश न करने दिया जा सके। हम पंजाब और हरियाणा पुलिस के संपर्क में भी हैं।” असुविधा का सामना कर रहे यात्रियों के बारे में पूछे जाने पर दिल्ली पुलिस प्रमुख ने कहा कि विरोध कर रहे किसानों ने पहले ही राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया है, इसलिए कुछ समस्याएं होने वाली हैं, ‘‘लेकिन हम इसे यथाशीघ्र सुलझाने की कोशिश करेंगे। 

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राष्ट्रीय राजधानी में आने के बजाय, उन्हें वापस जाना चाहिए और किसी दिशानिर्देश का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।” दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा कि उसने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन के लिए विभिन्न किसान संगठनों से मिले सभी अनुरोधों को खारिज कर दिया था। पुलिस ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के बीच किसी प्रकार का जमावड़ा करने के लिए शहर आने पर प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पंजाब के किसान 30 किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। किसानों के ट्रैक्टर पर राशन, पानी सहित सभी इंतजाम दिख रहे हैं। वे अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर हरियाणा की सीमाओं के पास एकत्रित होना शुरू हो गए हैं। हरियाणा के अधिकारियों ने प्रदर्शन को रोकने के लिए कई इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 भी लगा दी है। इस बीच, सर्दी और बारिश के मौसम में हजारों किसानों ने अस्थायी तंबुओं और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में रात गुजारी। किसान संगठनों ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी जाते हुए, उन्हें जहां कहीं भी रोका गया, वे वहीं धरने पर बैठ जाएंगे। इन किसानों की मांग है कि नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए और सभी पक्षों के साथ बातचीत कर नए कानून बनाए जाएं। ये किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी भी चाहते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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