किसान विरोध: दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में निगरानी बढ़ी

किसानों के मार्च को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ट्रेनें बृहस्पतिवार को दोपहर दो बजे तक पड़ोसी शहरों से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं को पार नहीं करेंगी। दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने कहा कि इस अवधि में आनंद विहार से वैशाली और न्यू अशोक नगर से नोएडा सिटी सेंटर तक कोई मेट्रो सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी। सुल्तानपुर और गुरु द्रोणाचार्य मेट्रो स्टेशनों के बीच बृहस्पतिवार को दोपहर दो बजे तक मेट्रो सेवा उपलब्ध नहीं होगी। हालांकि, इसी अवधि के दौरान हवाई अड्डे और रैपिड मेट्रो लाइनों पर नियमित मेट्रो सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने सीमावर्ती इलाकों का दौरा किया और वहां की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा,‘‘कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के तहत यहां राजनीतिक सभा की अनुमति नहीं है और इसीलिए किसानों के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था। यदि वे अभी भी प्रयास करते हैं, तो हमने सीमाओं पर जवानों को तैनात किया है ताकि उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश न करने दिया जा सके। हम पंजाब और हरियाणा पुलिस के संपर्क में भी हैं।” असुविधा का सामना कर रहे यात्रियों के बारे में पूछे जाने पर दिल्ली पुलिस प्रमुख ने कहा कि विरोध कर रहे किसानों ने पहले ही राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया है, इसलिए कुछ समस्याएं होने वाली हैं, ‘‘लेकिन हम इसे यथाशीघ्र सुलझाने की कोशिश करेंगे।Delhi: Security tightened & barricading being done at Singhu border (Delhi-Haryana border) in view of farmers' 'Delhi Chalo' call. pic.twitter.com/Gxuv5pQt8p
— ANI (@ANI) November 26, 2020
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राष्ट्रीय राजधानी में आने के बजाय, उन्हें वापस जाना चाहिए और किसी दिशानिर्देश का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।” दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा कि उसने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन के लिए विभिन्न किसान संगठनों से मिले सभी अनुरोधों को खारिज कर दिया था। पुलिस ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के बीच किसी प्रकार का जमावड़ा करने के लिए शहर आने पर प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पंजाब के किसान 30 किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। किसानों के ट्रैक्टर पर राशन, पानी सहित सभी इंतजाम दिख रहे हैं। वे अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर हरियाणा की सीमाओं के पास एकत्रित होना शुरू हो गए हैं। हरियाणा के अधिकारियों ने प्रदर्शन को रोकने के लिए कई इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 भी लगा दी है। इस बीच, सर्दी और बारिश के मौसम में हजारों किसानों ने अस्थायी तंबुओं और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में रात गुजारी। किसान संगठनों ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी जाते हुए, उन्हें जहां कहीं भी रोका गया, वे वहीं धरने पर बैठ जाएंगे। इन किसानों की मांग है कि नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए और सभी पक्षों के साथ बातचीत कर नए कानून बनाए जाएं। ये किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी भी चाहते हैं।
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