केरल के मंदिर में आग मामले में पकड़े गए पांच लोग

कोल्लम। पुत्तिंगल देवी मंदिर परिसर में भीषण आग के मामले में अस्पतालों में आज सुबह दो और घायलों की मौत हो जाने पर मृतक संख्या बढ़कर 108 हो गई है जबकि इस सिलसिले में पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि एक व्यक्ति की मौत तिरूवनंतपुरम स्थित केआईएमएस अस्पताल में और एक अन्य व्यक्ति की मौत तिरूवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हो गई।
इस बीच, पुलिस ने बताया कि आतिशबाजी के ठेकेदार से जुड़े पांच कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि आतिशबाजी का ठेका दो समूहों ने लिया था, जिनका नेतृत्व सुरेंद्रन और कृष्णन कुट्टी के हाथ था। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (अपराध शाखा) अनंतकृष्णन स्थिति का जायजा लेने के लिए आज सुबह दोबारा घटनास्थल का दौरा करेंगे। इसमें कहा गया कि सरकार के चिकित्सीय दल स्थिति का आकलन करने के लिए उन सभी अस्पतालों का दौरा करेंगे, जहां 383 घायलों को भर्ती कराया गया है। रविवार तड़के परवूर स्थित 100 वर्ष पुराने पुत्तिंगल देवी मंदिर परिसर में हुई अनाधिकृत आतिशबाजी के दौरान भीषण आग फैल गई थी।
केरल सरकार ने इस मामले में उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही अपराध शाखा की जांच के भी आदेश जारी किए गए हैं। यह त्रासदी कल तड़के साढ़े तीन बजे के करीब हुई। राजस्व और पुलिस अधिकारियों की अनुमति के बिना आधी रात से ही आतिशबाजी शुरू कर दी गई थी। यह आतिशबाजी एक वार्षिक उत्सव के दौरान की जा रही थी और हजारों लोग इसे देखने के लिए एकत्र हुए थे।
आतिशबाजी के दौरान कुछ चिंगारियां गोदाम ‘कंबापुरा’ में चली गईं और वहां रखे पटाखों में भारी आवाज के साथ विस्फोट हो गया। इससे लगी आग तेजी से फैल गई और परिसर में मौजूद श्रद्धालु वहीं फंस गए। रविवार को मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने हर मृतक के परिजन को 10-10 लाख रूपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। उन्होंने गंभीर रूप से घायल लोगों को दो-दो लाख और हल्की चोटों वाले लोगों के लिए 50 हजार रूपए की अनुग्रह राशि की घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना को ‘हृदय विदारक’ और ‘स्तब्ध कर देने’ वाला बताते हुए मृतकों के परिजन के लिए दो-दो लाख रूपए और घायलों के लिए 50-50 हजार रूपए का मुआवजा देने की घोषणा की। वह स्थिति का जायजा लेने के लिए यहां आए थे। पुलिस सूत्रों ने कहा कि मंदिर प्रशासन और आतिशबाजी के लाइसेंसधारकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 308 (गैर इरादतन हत्या करने की कोशिश) के तहत और विस्फोटक सामग्री कानून की धारा चार के तहत मामला दर्ज किया है।
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