गूगल ने बंगाली लेखिका महाश्वेता देवी के सम्मान में बनाया डूडल
गूगल ने बंगाल की मशहूर लेखिका और आदिवासियों तथा वंचित तबकों के लिए काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता महाश्वेता देवी के 92वें जन्म दिवस पर डूडल बनाकर सम्मान प्रक्रट किया।
नयी दिल्ली। गूगल ने बंगाल की मशहूर लेखिका और आदिवासियों तथा वंचित तबकों के लिए काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता महाश्वेता देवी के 92वें जन्म दिवस पर डूडल बनाकर सम्मान प्रक्रट किया। पद्म विभूषण से सम्मानित लेखिका अपनी चर्चित किताब ‘हजार चौरासवें की मां’, ‘चोट्टी मुंडा एवं उसके तीर’, ‘रुदाली’ और ‘झांसी की रानी’ के लिए जानी जाती हैं। करीब 100 उपन्यास और 20 लघु कथाओं का संग्रह लिखने वाली महाश्वेता देवी मुख्य रूप से सामाजिक मुद्दों और आम लोगों को न्याय दिलाने के लिए काम करती थीं।
लेखिका का जन्म 1926 में ढाका में कवि मनीष घटक और धारितरी देवी के यहां हुआ था। महाश्वेता ऐसे परिवेश में बड़ी हुई थीं जहां राजनीतिक और साहित्यिक चर्चाएं होती रहती थी। पथ-भवन विश्वभारती विश्वविद्यालय, शांतिनिकेतन से अंग्रेजी में बीए करने के बाद उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में ही मास्टर डिग्री भी हासिल किया था। लेखिका को साल 1979 में उनकी कृति ‘अरण्येर अधिकार’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया।
महाश्वेता देवी ने पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम आंदोलन में सक्रिय हिस्सा लेकर राज्य की तात्कालीन माकपा सरकार की औद्योगिक नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अगुवाई की। लेखिका का निधन साल 2016 के जुलाई महीने में हो गया।
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