कालापानी, लिपुलेख को नेपाल द्वारा अपने नक्शे में दिखाए जाने के बावजूद सरकारें सोई पड़ी: कांग्रेस

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वरिष्ठ कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय ने कालापानी और लिपुलेख को हाल में नेपाल द्वारा अपने नक्शे में दिखाए जाने पर केंद्र सरकार और उत्तराखंड सरकार की कड़ी आलोचना की और कहा कि इस मुद्दे पर वे सोई हुई हैं।

देहरादून। वरिष्ठ कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय ने कालापानी और लिपुलेख को हाल में नेपाल द्वारा अपने नक्शे में दिखाए जाने पर केंद्र सरकार और उत्तराखंड सरकार की कड़ी आलोचना की और कहा कि इस मुद्दे पर वे सोई हुई हैं। यहां जारी एक बयान में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष उपाध्याय ने कहा कि पिथौरागढ़ में स्थित कालापानी-लिपुलेख का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय सीमा का मुद्दा जरूर है लेकिन वह भूभाग तो हमारे प्रदेश का है और राज्य सरकार इस संबंध में केंद्र से बात करने की बजाय सोई हुई है।

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उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनसे घटना का संज्ञान लेने को कहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र में बताया है कि नेपाल ने भारत के अभिन्न हिस्से काला पानी और लिपुलेख को नक़्शे में अपना क्षेत्र दिखाकर यहाँ के निवासियों की भावना को आहत किया है और उनमें इस बात को लेकर रोष है।

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इस संबंध में कांग्रेस नेता ने नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के उस बयान का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘भारत का कोरोना, चीन के कारोना से ज़्यादा ख़तरनाक है।’’ उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि वह नेपाल और तिब्बत से लगती सीमाओं पर बन रही चिंतनीय स्थिति का संज्ञान लेकर भ्रम को समाप्त करने के लिए भारत सरकार को निर्देशित करें।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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