Bihar Election Issues: पलायन के मुद्दे पर महागठबंधन और NDA में ठनी रार, जानिए जनता किस पर जताएगी भरोसा

बता दें कि बिहार राज्य से पलायन का मसला दशकों पुराना है। गावों से लोग रोजगार की तलाश में दिल्ली, मुंबई और अन्य शहरों का रुख कर रहे हैं। वहीं महंगाई के हिसाब से भी राज्य की गरीबी बढ़ी है और इसी के साथ राज्य से पलायन भी बढ़ा है।
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी सियासी पार्टियां अपना-अपना 'वोट गणित' सेट करने में जुटी हैं। विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम के ऐलान के बाद से सभी राजनीतिक दलों के मोर्चे पर दुंदिभि बज चुकी है। वहीं विपक्ष अलग-अलग मुद्दों को लेकर चुनाव मैदान में उतर रही है। जहां एक ओर तेजस्वी यादव ने बिहार चुनाव से पहले SIR के मुद्दे पर हमलावर होते नजर आए, तो वहीं अब दूसरे मुद्दों के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारियों में जुटे हैं।
बता दें कि बिहार राज्य से पलायन का मसला दशकों पुराना है। गावों से लोग रोजगार की तलाश में दिल्ली, मुंबई और अन्य शहरों का रुख कर रहे हैं। वहीं महंगाई के हिसाब से भी राज्य की गरीबी बढ़ी है और इसी के साथ राज्य से पलायन भी बढ़ा है। हालांकि विपक्ष इस मुद्दे को जोरों-शोरों से भुनाने के प्रयास में है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और आरजेडी तो हमलावर हैं ही और अब पूर्व चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने भी इसको बड़ा मुद्दा बना लिया है।
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बिहार से पलायन रोकने में असफल होने के आरोप का जवाब एनडीए ने एक बड़े आयोजन के साथ दिया था। असल में, पीएम मोदी ने राज्य में एक कौशल विकास विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया था। साथ ही पीएम मोदी ने 62,000 करोड़ रुपए की कई बड़ी योजनाएं भी शुरू कीं। इन योजनाओं को शुरू करने का मुख्य मकसद राज्य से युवाओं के पलायन को रोकना है।
साल 2025 के चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव की कुल जनसंख्या 5,07,911 है, जिनमें से पुरुष 2,67,199 और महिलाओं की संख्या 2,40,712 है। कुल मतदाताओं की संख्या 3,01,945 है। जिनमें से पुरुष वोटर 1,59,622 और महिला वोटरों की संख्या 1,42,318 है। ऐसे में इस बार के चुनाव में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या एनडीए अपनी सत्ता को बचा पाएगी या फिर अन्य सियासी दल वापसी करेगा।
एनडीए और इंडिया एक-दूसरे को पलायन के मुद्दे पर घेरते रहे हैं। चुनाव से पहले एनडीए ने जितनी भी जनसभा की हैं, उनमें यह दावा किया गया है कि अब राज्य के लोग पलायन नहीं कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर इंडिया गठबंधन कि तरफ से यह दावा किया जा रहा है कि पिछले 20 सालों में बिहार से सबसे ज्यादा पलायन हुआ है। बिहार की जनता बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से तंग आ चुकी है। लेकिन एनडीए की तरफ से केंद्रीय मंत्री नड्डा ने आरोप लगाते हुए कहा कि लालू-रबड़ी के शासनकाल में बिहार से सबसे अधिक पलायन हुआ है। वहीं सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार सरकार युवाओं को रोजगार देने में मदद कर रही है और इसके लिए राज्य में कई योजनाएं भी चला रही है।
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