लॉकडाउन के दौरान भारत ने बिना राजनीति, धर्म के जीना सीखा: नायर

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धरती पर ऐसे कई वायरस सुप्त पड़े रहते हैं और जब उनके अनुकूल परिस्थितियां बनती हैं तो वे पनपने लगते हैं। अगर आप पिछली तीन सदियों या उससे पहले तक देखें तो हर सौ साल में एक बार कोई न कोई ऐसा प्रकोप आता है।

बेंगलुरू। जानेमाने वैज्ञानिक जी माधवन नायर ने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन पर कहा, ‘‘देश बिना राजनीति और धर्म के जीना सीखा गया है।’’ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘यह महान उपलब्धि है।’’ उन्होंने कहा कि हर चुनाव के बाद ऐसा माहौल रहना चाहिए जहां सभी राजनीतिक गतिविधियां पार्श्व में चली जाएं और सभी राष्ट्रनिर्माण पर ध्यान दें।

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नायर ने कोरोना वायरस के प्रकोप पर कहा, ‘‘दरअसल, धरती पर ऐसे कई वायरस सुप्त पड़े रहते हैं और जब उनके अनुकूल परिस्थितियां बनती हैं तो वे पनपने लगते हैं। अगर आप पिछली तीन सदियों या उससे पहले तक देखें तो हर सौ साल में एक बार कोई न कोई ऐसा प्रकोप आता है। इसलिए यह एक स्वाभाविक घटनाक्रम है।’’ उन्होंने कहा कि भारतीयों ने अपनी एकता प्रदर्शित की है और कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में बिना जाति, वर्ण और राजनीतिक रंग के मिलकर खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रनिर्माण में इसी तरह के प्रयास होने चाहिए। नायर ने कहा कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए नौकरशाही व्यापक तौर पर कई कदम उठा रही है और इसी भावना को बनाकर रखना होगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 राहत पैकेज जनता तक पहुंचाने के मामले में भारत में बिचौलियों को हटाने में सफलता मिली है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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