भारत, सिंगापुर आतंकवाद विरोधी और आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में कदम बढ़ाएंगे

भारत और सिंगापुर ने आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने के लिए सहयोग बढ़ाने का निर्णय किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीमा पार आतंकवाद तथा बढ़ते कट्टरवाद को ‘‘गंभीर चुनौती’’ करार दिया जिससे दोनों समाज के ताने..बाने को खतरा है

नयी दिल्ली। भारत और सिंगापुर ने आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने के लिए सहयोग बढ़ाने का निर्णय किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीमा पार आतंकवाद तथा बढ़ते कट्टरवाद को ‘‘गंभीर चुनौती’’ करार दिया जिससे दोनों समाज के ताने..बाने को खतरा है। मोदी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली एस लूंग के साथ वाणिज्य और निवेश सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर वार्ता की। उन्होंने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग सामरिक भागीदारी का मुख्य क्षेत्र है। संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ली ने आतंकवाद की निंदा की और उन सैनिकों के परिजन के प्रति संवेदना प्रकट की जो उरी हमले में मारे गए थे। मोदी ने कहा कि ‘‘आतंकवाद के बढ़त ज्वार और खासकर सीमा पार से आतंकवाद तथा कट्टरवाद में बढ़ोतरी हमारे समाज के समक्ष गंभीर चुनौती हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उनसे हमारे समाज के ताने..बाने को खतरा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा दृढ़ मत है कि जो लोग शांति और मानवता में विश्वास करते हैं उन्हें इस खतरे के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है। आज हम इन खतरों का सामना करने के लिए सहयोग बढ़ाने को सहमत हुए हैं जिसमें साइबर सुरक्षा का क्षेत्र भी शामिल है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों ने संचार के लिए समुद्री रास्ते खोल रखे हैं और समुद्र पर अंतरराष्ट्रीय कानूनी आदेश का सम्मान करते हैं।

दोनों देशों के बीच तीन समझौते भी हुए जिसमें बौद्धिक संपदा अधिकार भी शामिल है। मोदी ने वाणिज्य और निवेश को द्विपक्षीय संबंधों का मूल आधार बताते हुए कहा कि भारत मजबूत आर्थिक विकास और बदलाव के पथ पर आगे बढ़ चला है और इस यात्रा में सिंगापुर महत्वपूर्ण साझीदार है। व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता में तेजी लाने पर सहमत होते हुए दोनों नेताओं ने सिंगापुर में कारपोरेट रुपया बांड जारी करने का स्वागत किया जो भारत के वृहद् आधारभूत ढांचा विकास के लिए धन जुटाने की एक पहल है। मोदी ने कहा, ‘‘मुझे बताया गया है कि सिंगापुर सड़कों पर दुनिया में चालक रहित कार के मामले में अग्रणी है। लेकिन मुझे विश्वास है, हम सभी को विश्वास है कि भारत के सबसे अच्छे शुभचिंतक प्रधानमंत्री ली सिंगापुर और हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए ड्राइविंग सीट पर हैं। आदरणीय ली आप भारत के मित्र हैं।''

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