भारत के अंतरिक्ष गौरव Shubhanshu Shukla लौट रहे हैं घर, PM Modi से मिलकर करेंगे खास चर्चा

Shubhanshu Shukla will meet PM Modi
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एकता । Aug 16 2025 5:21PM

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला Axiom-4 मिशन से भारत लौट रहे हैं, सोमवार को पीएम मोदी से मिलकर साझा करेंगे अपने खास अनुभव। ये अंतरिक्ष अनुभव भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए 'गाइडबुक' बनेंगे, जिससे भारत अंतरिक्ष महाशक्ति बनेगा।

अंतरिक्ष यात्री और भारत के 21वीं सदी के अंतरिक्ष नायक ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला सोमवार को भारत लौटकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में वह अपने अंतरिक्ष मिशन के अनुभव साझा करेंगे, जो भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उडान कार्यक्रम, गगनयान, के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगे।

अंतरिक्ष से धरती पर लौटने की खुशी

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर Axiom-4 मिशन के सफल समापन के बाद, ग्रुप कैप्टन शुक्ला भारत लौट रहे हैं। विमान में बैठे हुए एक मुस्कुराती हुई तस्वीर साझा करते हुए, उन्होंने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि वह अपने अनुभवों को देशवासियों के साथ साझा करने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'भारत वापस आने के लिए विमान में बैठते ही मेरे दिल में कई तरह की भावनाएं उमड रही हैं। मुझे उन शानदार लोगों को पीछे छोडकर जाने का दुख है जो इस मिशन के दौरान मेरे दोस्त और परिवार थे।' उन्होंने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि जिंदगी यही है, सब कुछ एक साथ।'

शुक्ला ने अपनी पोस्ट में कमांडर एस्ट्रो पेगी का भी जिक्र किया, जो कहती हैं कि 'अंतरिक्ष उडान में एकमात्र स्थिर चीज परिवर्तन है'। उन्होंने कहा कि यह बात जिंदगी पर भी लागू होती है, और उन्हें लगता है कि यूं ही चल रहा है, जीवन गाडी है समय पहिया।

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'गगनयान' मिशन का भविष्य

ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने पिछले महीने ISS पर 18 दिन बिताए थे, जहां उन्होंने भारत-विशिष्ट सात प्रयोग किए थे। इन प्रयोगों की अब भारतीय वैज्ञानिक समीक्षा कर रहे हैं और जल्द ही उनके परिणाम आने की उम्मीद है।

यह मुलाकात इसलिए भी खास है, क्योंकि अपनी अंतरिक्ष यात्रा की तैयारियों के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्ला से अपने पूरे प्रशिक्षण और अंतरिक्ष स्टेशन के अनुभव को एक दस्तावेज के रूप में रखने को कहा था। यह दस्तावेज भारत के महत्वाकांक्षी 'गगनयान' मिशन के लिए एक 'गाइडबुक' का काम करेगा।

'गगनयान' का लक्ष्य स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को भारतीय धरती से अंतरिक्ष में भेजना है। इस उपलब्धि के साथ, भारत रूस, अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का चौथा ऐसा देश बन जाएगा, जिसके पास अपनी मानव अंतरिक्ष उडान की तकनीक है।

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