इशरत को पहले आतंकी, बाद में शहीद क्यों बतायाः सोमैया
लोकसभा में आज सत्तापक्ष के एक सदस्य ने सरकार से जानना चाहा कि संप्रग सरकार के दौरान इशरत जहां को पहले आतंकवादी बताये जाने और बाद में ‘‘शहीद’’ बताए जाने के क्या कारण थे और इस बारे में बनाई गई समिति ने क्या रिपोर्ट दी है। शून्यकाल में भाजपा के किरीट सोमैया ने इस संदर्भ में यह भी सवाल किया कि इशरत जहां को पहले आतंकवादी और बाद में ‘‘शहीद’’ बताए जाने संबंधी तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम के हलफनामों से संबंधित गायब हुए कागजात के बारे में कोई जानकारी अभी मिल पाई है या नहीं।
कांग्रेस सदस्यों के विरोध के बीच, सोमैया ने कहा ‘‘तत्कालीन गृह मंत्री के हस्ताक्षर युक्त पहले हलफनामे में इशरत जहां को आतंकवादियों की सहयोगी माना गया था और यह भी कहा गया था कि वह एक मुठभेड़ में मारी गई है।’’ उन्होंने कहा ‘‘लेकिन तीन महीने बाद ही उन्हीं गृह मंत्री के हस्ताक्षर वाले दूसरे हलफनामे में इशरतजहां को आतंकवादी नहीं माना गया और मुठभेड़ को भी फर्जी बताया गया।’’ भाजपा नेता ने कहा ‘‘सदन के माध्यम से देश यह जानना चाहता है कि इशरत जहां को आतंकवादी से शहीद किसने बनाया और ऐसा करके देश की सुरक्षा के साथ किसने खिलवाड़ किया।’’ उन्होंने कहा कि इन हलफनामों से संबंधित कुछ कागजात गायब हैं और उनका पता लगाने के बारे में एक समिति बनी थी। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि इस संबंध में समिति को अभी तक क्या जानकारी मिली है।
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