Jan Suraj Party: बिहार विधानसभा चुनाव में गठबंधन नहीं करेगी जन सुराज पार्टी, चुनावी मैदान में उतरेंगे 243 प्रत्याशी

प्रशांत किशोर जन सुराज पार्टी के लिए चुनाव चिन्ह के रूप में 'चरखा' चाहते थे, लेकिन यह चुनाव आयोग की लिस्ट में नहीं है। ऐसे में आयोग ने प्रशांत की पार्टी को चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का चुनाव चिन्ह 'स्कूल बैग' है। अब पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवारों को इसी चुनाव चिन्ह के साथ चुनावी मैदान में उतारेगी।
चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने बिहार के पटना में अपनी राजनीतिक पार्टी 'जन सुराज पार्टी' का शुभारंभ किया था। हालांकि प्रशांत किशोर ने बताया कि उनकी पार्टी पिछले दो सालों से सक्रिय है। लेकिन हाल ही में 'जन सुराज पार्टी' को भारत निर्वाचन आयोग से स्वीकृति प्राप्त हुई है। ऐसे में जाहिर है कि अब आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में जन सुराज पार्टी सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है। बता दें कि प्रशांत किशोर की पार्टी का सबसे बड़ा एजेंडा बिहार की शिक्षा प्रणाली को विश्वस्तरीय बनाना है।
कार्यकारी अध्यक्ष
जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष मनोज भारती हैं। बता दें कि मनोज भारती ने विदेश सेवा में काम किया है। इसके अलावा वह बेलारूस, तिमोर-लेस्ते, यूक्रेन और इंडोनेशिया में भारत के राजदूत भी रह चुके हैं।
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पार्टी का चुनाव चिन्ह
प्रशांत किशोर जन सुराज पार्टी के लिए चुनाव चिन्ह के रूप में 'चरखा' चाहते थे, लेकिन यह चुनाव आयोग की लिस्ट में नहीं है। ऐसे में आयोग ने प्रशांत की पार्टी को चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का चुनाव चिन्ह 'स्कूल बैग' है। अब पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवारों को इसी चुनाव चिन्ह के साथ चुनावी मैदान में उतारेगी।
पार्टी का मुख्य एजेंडा
शिक्षा में सुधार करना
प्रशांत किशोर की पार्टी का सबसे बड़ा एजेंडा बिहार राज्य की शिक्षा प्रणाली को विश्वस्तरीय बनाना है। प्रशांत किशोर ने बिहार में शिक्षा में सुधार के लिए अगले दशक में 5 लाख करोड़ रुपए निवेश करने की बात कही है।
शराबबंदी पर समीक्षा
जन सुराज पार्टी के एजेंडे में शराबबंदी का मुद्दा भी शामिल है। प्रशांत किशोर ने राज्य में शराबबंदी से होने वाले राजस्व नुकसान की तरफ ध्यान आकर्षित किया है। उनका कहना है कि जब राज्य से शराबबंदी हटाई जाएगी तो इस पैसे का उपयोग शिक्षा में सुधार के लिए किया जाएगा।
राज्य की आर्थिक स्थिति
पार्टी अपने एजेंडे के तहत बिहार की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए योजनाएं बनाएगी। जोकि राजस्व को बढ़ाने के साथ विकास परियोजनाओं को वित्तपोषित करने पर केंद्रित होगी।
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