श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना को लेकर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने फिर उठाई आवाज, विधानसभा में नियम 52 के तहत चर्चा की माँग

Jeetu Patwari
दिनेश शुक्ल । Mar 3 2021 11:46PM

पूर्व मंत्री व विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि उन्होंने निमय 52 के तहत विधानसभा अध्यक्ष से सदन में श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के दीर्घकालिक बंद होने, सटडाउन के लिए निर्माता तथा अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने और इस सटडाउन से कुल हानि के विषय पर आधे घंटे की चर्चा के लिए समय मांगा है।

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पूर्व मंत्री व राऊ विधानसभा से विधायक जीतू पटवारी ने श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की इकाई 3 और 4 के टरबाईन खराब होने के कारण हुए नुकसान को लेकर सदन में तारांकित प्रश्न के रूप में सवाल उठाए गए थे। इसको लेकर उन्होंने इस मुद्दे पर शिवराज सरकार की तरफ से आधा अधूरा जबाब देने और जानकारी छिपाए जाने के आरोप लगाया है। जिसको लेकर उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से नियम 52 के तहत सदन में श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में हुई अनियमितता, धन की हानि और अधिकारीयों की लापरवाही सहित निजी बिजली कंपनीयों से सरकार द्वारा खरीदी गई बिजली में हुए भारी भ्रष्ट्राचार को लेकर आधे घंटे की चर्चा की माँग की है। जिसका समर्थन सदन के माननीय विधायक कुणाल चौधरी और विशाल जगदीश पटेल ने किया है।

 

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पूर्व मंत्री जीतू पटवारी का आरोप है कि श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की इकाई 3 और 4 जिसकी निर्माण लागत पर 6600 करोड़ रूपए सरकार ने खर्च किए और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के जन्मदिवस के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने इसकी आधारशिला रखी, लेकिन शुरू होने के 209 दिन के पहले ही टरबाईन टूट गया। जिसके बाद प्रदेश की शिवराज सरकार की बिजली खरीदी में पैसे की वसूली जारी है। जीतू पटवारी का आरोप है कि शिवराज सरकार जनता की गाढी कमाई का दुरूपयोग कर प्राइवेट बिजली कंपनीयों से मंहगी दर पर बिजली खरीद कर उनसे कमीशन के रूप में भारी रकम वसूल कर बिजली खरीदी में भारी भ्रष्ट्राचार कर रही है। पूर्व मंत्री का कहना है कि श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में बंद इकाईयां साजिश के तहत बंद हुई हैं। जिसमें 100 से 200 करोड़ का लेनदेन का हुआ है। जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि इस पूरे मामले में 700 से 800 करोड़ का घपला और भ्रष्ट्राचार किया गया है। जो बिजली प्रदेशवासियों को कम कीमत पर मिल सकती है वह सरकार प्राइवेट बिजली कंपनीयों से 14 रूपए प्रति यूनिट में खरीद रही है। जिसका बोझ आम जनता की जेब पर पड़ रहा है। पहले ही लोग पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों से दो-चार हो रहे है वही मंहगी बिजली और फर्जी बिजली बिलों के चलते लोग परेशान है।

 

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जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि बिजली के क्षेत्र में सरकार, अधिकारियों और निजी कंपनीयों की मिलीभगत के चलते यह घोटाला हुआ है। इसके पीछे प्राइवेट कंपनीयों से बिजली खरीदी के लिए सिंगाजी पॉवर प्लांट को बंद करवाया गया। जीतू पटवारी ने प्रश्न किया कि सिंगाजी पॉवर प्लांट कब चालू होगा और जो प्रति माह 3 हजार करोड़ रूपए की बिजली बनती और बिकती उसका घाटा सरकार किससे वसूलेगी इसकी जिम्मेदारी किसकी है। क्या 3 लाख घंटे की गारंटी वाला टरबाईन 30 हजार घंटे भी नहीं चला और पीजी गारंटी टेस्ट क्यों नहीं हुआ इसके लिए सरकार किस अधिकारी को जिम्मेदार मानकर निलंबित करेगी। जीतू पटवारी ने कह कि क्या शिवराज सरकार जब तक यह प्लांट चालू नहीं होता इसके मूल्यांकन का काम करेगी और इसे लेकर सरकार की आगें की क्या कार्य योजना है।

 

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पूर्व मंत्री व विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि उन्होंने निमय 52 के तहत विधानसभा अध्यक्ष से सदन में श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के दीर्घकालिक बंद होने, सटडाउन के लिए निर्माता तथा अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने और इस सटडाउन से कुल हानि के विषय पर आधे घंटे की चर्चा के लिए समय मांगा है। क्योंकि मेरे द्वारा तांरांकित प्रश्न के जबाब में सरकार की तरफ से जो जबाब आया है उसमें अपूर्ण था और इसमें कई तथ्यों को सरकार की तरफ से छिपाया गया है। लॉकडाउन के नाम पर तीन महिने अप्रैल 2020 से जून 2020 तक बंद रहा। जिससे प्रदेश को हर माह 1320 मेगावाट बिजली की मात्रा नहीं मिली और सरकार ने इसके चलते सरकार ने कई गुना मंहगी दरों पर बिजली की खरीदी की। उन्होंने नियम 52 के तहत चर्चा की मांग करते हुए विधानसभा अध्यक्ष को लिखा कि प्रश्न लगाने के बाद 03 फरवरी 2021 को जाँच समिति का गठन किया गया जो घटनाक्रम पर गंभीर संकाओं को जन्म देता है।

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