JNU ने छात्रावासों में फंसे विद्यार्थियों को अपने-अपने घर लौटने की दी सलाह

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प्रोफेसर सुधीर प्रताप सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय ने मार्च में परिपत्र जारी कर विद्यार्थियों को संस्थान बंद किए जाने की सूचना दी थी और उन्हें घर लौटने की सलाह दी थी।

नयी दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने कोविड-19 लॉकडाउन नियमों में रियायतें मिलने के बाद विशेष रेलगाड़ियों और राज्य के भीतर भी कुछ बस सेवाएं चालू होने के बाद छात्रावासों में फंसे विद्यार्थियों को अपने-अपने पैृतक स्थान लौट जाने की सोमवार को दृढ़ता से सलाह दी है। एक परिपत्र में विद्यार्थियों के डीन प्रोफेसर सुधीर प्रताप सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय ने मार्च में परिपत्र जारी कर विद्यार्थियों को संस्थान बंद किए जाने की सूचना दी थी और उन्हें घर लौटने की सलाह दी थी। परिपत्र में कहा गया, “हालांकि, कई विद्यार्थियों ने लॉकडाउन के दौरान सार्वजनिक परिवहन की गैर उपलब्धता के कारण उस वक्त छात्रावासों में ही रहने देने का आग्रह किया था।” इसमें कहा गया कि भारतीय रेलवे कुछ विशेष रेलगाड़ियां चला रही है और एक जून से करीब 200 और ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। 

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इसमें कहा गया कि अंत: राज्य बसें और टैक्सी सेवाएं भी राज्य सरकारों द्वारा शुरू कर दी गई हैं। इसके अलावा कुछ राज्य सरकारों ने विद्यार्थियों की वापसी के लिए परिवहन की व्यवस्था की है। परिपत्र में कहा गया, “समय-समय पर गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, विश्वविद्यालय ने घोषणा की है कि विद्यार्थी 25 जून या उसके बाद परिसर में लौट सकते हैं और तब तक सभी अकादमिक गतिविधियां बंद रहेंगी।” इसमें कहा गया, “इस बात को रेखांकित किया जाता है कि भारत सरकार कोविड-19 वैश्विक महामारी स्थिति के बारे में रोजाना जानकारी देती है। वर्तमान में, दिल्ली में संक्रमण के मामले दिनोंदिन बढ़ रहे हैं।” परिपत्र में कहा गया कि तथ्यों को मद्देनजर रखते हुए, सभी विद्यार्थी जो फंसे हुए हैं और यहां छात्रावासों में रह रहे हैं, उन्हें अपने गृह प्रदेश लौटने की और विश्विद्यालय खुलने के बाद वापस आने की सलाह दी जाती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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