Joshimath Subsidence | धंस रहा है जोशीमठ! आशियाने पर बुलडोजर चलता देखकर घबराए लोग, कर रहे हैं सरकार से मुआवजे की मांग

Joshimath Subsidence
ANI
रेनू तिवारी । Jan 11 2023 11:38AM

राज्य सरकार ने ‘माउंट व्यू’ और ‘मालारी इन’ होटलों को गिराने का फैसला किया जिनमें हाल में बड़ी दरार आ गयीं और दोनों एक-दूसरे की ओर झुक गये हैं। इससे आसपास की इमारतों को खतरा पैदा हो गया है।

उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित जोशीमठ में मंगलवार को दो जर्जर हो चुके होटलों को गिराए जाने से पहले विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। प्रदर्शनकारियों ने विध्वंस गतिविधियों के खिलाफ नारे लगाए क्योंकि यह स्पष्ट नहीं था कि जिन लोगों की संपत्तियों को गिराया जाना था उन्हें मुआवजा कैसे दिया जाएगा। बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान के तहत मुआवजे की मांग को लेकर होटल मालिक और स्थानीय लोग होटलों को गिराने के सरकार के कदम का विरोध कर रहे थे। जोशीमठ प्रशासन ने उन सभी अधिकारियों और होटल मालिकों की बैठक बुलाई है जिनकी संपत्तियों को तोड़ा जाना है। स्थानीय लोग और होटल मालिक मलारी होटल के पास धरने पर बैठ गए और मुआवजे के आश्वासन के बिना जाने को तैयार नहीं थे।

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: Joshimath मामले पर सुप्रीम कोर्ट का तत्काल सुनवाई से इंकार, खतरनाक इमारतों पर चला बुलडोजर

मानव बस्तियों को खतरा

राज्य सरकार ने ‘माउंट व्यू’ और ‘मालारी इन’ होटलों को गिराने का फैसला किया जिनमें हाल में बड़ी दरार आ गयीं और दोनों एक-दूसरे की ओर झुक गये हैं। इससे आसपास की इमारतों को खतरा पैदा हो गया है। इलाके में अवरोधक लगा दिये गये हैं और इन होटल तथा आसपास के मकानों में बिजली आपूर्ति रोक दी गयी है जिससे करीब 500 घर बिजली के अभाव का सामना कर रहे हैं। राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) के कर्मी जेसीबी के साथ मौके पर पहुंच गये हैं और लोगों को इन होटल से दूरी बनाने को कहा गया है। हालांकि, जब प्रशासन शाम को ‘मलारी इन’ को गिराने वाला था तो इसके मालिक ठाकुर सिंह विरोध स्वरूप होटल के सामने सड़क पर लेट गये। होटल मालिकों ने कहा कि उन्हें समाचार पत्रों के माध्यम से इस बारे में पता चला। उन्होंने मांग की कि होटल गिराने से पहले उन्हें एकमुश्त निपटान के लिए प्रशासन की ओर से आश्वासन मिलना चाहिए। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कस्बे के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि लोगों की जान बचाने के लिए जनहित में विध्वंस की कार्रवाई की जा रही है। आपदा प्रबंधन के सचिव रंजीत सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रुड़की को होटलों को गिराने के काम में लगाया गया है। लोगों को घरों से निकालने के प्रयास जारी रहने के बीच अब तक कुल 131 परिवार अस्थायी राहत केंद्रों में पहुंच गये हैं, वहीं जोशीमठ में दरार पड़ने और जमीन धंसने से प्रभावित घरों की संख्या 723 हो गयी है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की चमोली इकाई ने मंगलवार को एक बुलेटिन में यह जानकारी दी। क्षेत्र में 86 घरों को असुरक्षित चिह्नित किया गया है।

इसे भी पढ़ें: Joshimath Sinking: हर जरूरी चीज हमारे पास न आए, SC ने जोशीमठ मामले की तत्काल सुनवाई से किया इनकार, मामले को 16 जनवरी के लिए किया लिस्ट

विध्वंस के खिलाफ स्थानीय लोगों का विरोध

स्थानीय निवासियों ने जोशीमठ के पहाड़ी शहर में, बिना मुआवजे की घोषणा के, उत्तराखंड प्रशासन द्वारा डूबते घरों और होटलों को गिराने का विरोध किया। विरोध प्रदर्शन मलारी इन होटल के बाहर हुआ, जिसे असुरक्षित चिन्हित किया गया था। होटल मलारी इन और अन्य असुरक्षित ढांचों को बुधवार को गिराया जाना है। प्रदर्शनकारी अचानक विध्वंस के कदम के लिए राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। हालांकि शाम होते-होते प्रशासन मलारी इन को गिराने ही वाला था कि इसके मालिक ठाकुर सिंह विरोध स्वरूप होटल के सामने सड़क पर लेट गए। गिराने की प्रक्रिया बुधवार रात से शुरू होने की संभावना है। 

800 घर क्षतिग्रस्त

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड के जोशीमठ में क्षतिग्रस्त घरों की संख्या 800 हो गई है। जोशीमठ नगर क्षेत्र में भूस्खलन के कारण कुल 800 भवनों में दरारें आ गई हैं और 131 परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है। उत्तराखंड के डूबते शहर जोशीमठ के स्थानीय लोग संकट के कारण गुस्से और निराशा के बीच एक अंधकारमय भविष्य की ओर देख रहे हैं। जोशीमठ में 344 राहत शिविर और 491 कमरों की पहचान की गई है। क्षेत्र में 86 घर असुरक्षित क्षेत्र के रूप में चिन्हित हैं।जिला प्रशासन ने डूबते शहर में रहने के लिए असुरक्षित घरों पर रेड क्रॉस के निशान लगा दिए हैं। इस बीच, घरेलू सामान खरीदने के लिए परिवारों को 5,000 रुपये और 10 क्षतिग्रस्त भवनों के मालिकों को 1.30 लाख रुपये प्रति भवन दिए गए हैं। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को भोजन किट, दूध और कंबल भी वितरित किए।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़