हेट स्पीच और हेट क्राइम पर लगाम का इंतजाम, विपक्ष के हंगामे के बीच कर्नाटक में नया बिल पास

Karnataka
ANI
अभिनय आकाश । Dec 18 2025 2:54PM

कई लोग समाज को आहत करने वाले बयान दे रहे हैं, और इसमें काफी वृद्धि हुई है। हम नहीं जानते कि इनका क्या प्रभाव होगा। परमेश्वर ने कहा कि नफरत धर्म, जाति और लिंग के आधार पर भेदभाव से उपजती है और इसे रोकने की आवश्यकता पर बल दिया। अपने व्यक्तिगत अनुभवों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि बहिष्कार और भेदभाव केवल शब्द नहीं हैं।

विपक्ष के कड़े विरोध के बीच कर्नाटक विधानसभा ने घृणास्पद भाषण और घृणा अपराध निवारण विधेयक, 2025 पारित कर दिया, जिसके चलते सदन में बार-बार व्यवधान उत्पन्न हुआ। गृह मंत्री जी परमेश्वर ने विधेयक की व्याख्या करते हुए कहा कि समाज को आहत करने वाले और गंभीर परिणाम देने वाले बयानों में तेजी से वृद्धि हुई है। उन्होंने हत्याओं, हमलों और बढ़ते सामाजिक तनावों का जिक्र करते हुए कहा कि हाल के दिनों में, कई लोग समाज को आहत करने वाले बयान दे रहे हैं, और इसमें काफी वृद्धि हुई है। हम नहीं जानते कि इनका क्या प्रभाव होगा। परमेश्वर ने कहा कि नफरत धर्म, जाति और लिंग के आधार पर भेदभाव से उपजती है और इसे रोकने की आवश्यकता पर बल दिया। अपने व्यक्तिगत अनुभवों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि बहिष्कार और भेदभाव केवल शब्द नहीं हैं।

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जब मैं छोटा था, तो स्कूल जाते समय लोग मुझ पर पानी फेंकते थे। उन्होंने आगे कहा कि बसवन्ना की शिक्षाओं के बाद सदियाँ बीत जाने के बावजूद, समानता अभी तक पूरी तरह से साकार नहीं हुई है। “डॉ. अंबेडकर को सभी स्वीकार करते हैं। हमें उनके द्वारा दिए गए संविधान को लागू करना चाहिए। घृणास्पद भाषण और घृणा अपराध निवारण विधेयक, 2025 के प्रावधानों की व्याख्या करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि यह कानून भाषणों, पुस्तकों या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से घृणा फैलाने वाले व्यक्तियों या संगठनों को नियंत्रित करेगा। उन्होंने कहा कि यह विधेयक पुरानी प्रकाशनों पर भी लागू होगा। इस कानून के तहत अधिकतम सात वर्ष तक की कैद और 50,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

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विपक्ष के नेता आर अशोक ने इस विधेयक का विरोध करते हुए इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया। उन्होंने स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद भी ऐसे कानून की आवश्यकता पर सवाल उठाया और आरोप लगाया कि इसका दुरुपयोग व्यक्तियों को निशाना बनाने के लिए किया जा सकता है। अशोक ने दावा किया कि इसमें जमानत का कोई प्रावधान नहीं है और चेतावनी दी कि इस कानून के तहत पत्रकारों को भी जेल भेजा जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक राजनीतिक प्रतिबल निपटाने का ब्रह्मास्त्र बन गया है। चेतावनी दी कि दोष साबित होने से पहले निर्दोष लोगों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

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