केरल के CM ने सबरीमाला हिंसा के लिए RSS को जिम्मेदार ठहराया

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[email protected] । Oct 18 2018 4:43PM

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे श्रद्धालुओं की नीलक्कल में पुलिस के साथ झड़प के एक दिन बाद केरल सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ‘आतंक फैलाकर’ भगवान अयप्पा धर्मस्थल को नष्ट करने का प्रयास कर रहा है।

तिरुवनंतपुरम। सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे श्रद्धालुओं की नीलक्कल में पुलिस के साथ झड़प के एक दिन बाद केरल सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ‘आतंक फैलाकर’ भगवान अयप्पा धर्मस्थल को नष्ट करने का प्रयास कर रहा है। हालांकि भाजपा ने यह कहते हुए पलटवार किया कि माकपा की अगुवाई वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार अयप्पा मंदिर की छवि खराब करने की कोशिश कर रही है और वह इस धर्मस्थल में तनाव फैलाने के लिए जिम्मेदार है।

मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने फेसबुक पर पोस्ट किया कि आतंक पैदाकर श्रद्धालुओं को अयप्पा मंदिर की ओर बढ़ने से रोकना और उन्हें लौटने के लिए बाध्य करना सबरीमला को नष्ट करने के आरएसएस-संघ परिवार के कदम का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि दक्षिणपंथी संगठन सदैव सबरीमला मंदिर के अनोखे चरित्र से परेशान रहे हैं जहां जाति, धर्म से ऊपर उठकर श्रद्धालु पूजा अर्चना करते हैं। भगवा संगठनों का प्रयास इस धर्मस्थल की इस मूलभूत विशेषता को नष्ट करने का है और वर्तमान घटनाक्रम को उसी कदम के हिस्से के तौर पर देखा जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘आरएसएस आतंक फैलाकर भगवान अयप्पा मंदिर को नष्ट करने का प्रयास कर रहा है। संघ परिवार की शक्तियों का अंतिम उद्देश्य इस धर्मस्थल में समाज के सभी वर्गों को प्राप्त स्वीकृति को नष्ट कर उच्च जाति का वर्चस्व कायम करना है।’ उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार इस मंदिर को ‘दंगाक्षेत्र’ बनने की इजाजत नहीं देगी और लोगों को इस धर्मस्थल पर जाने से रोकने के किसी भी प्रयास से निपटा जाएगा।

सबरीमला के घटनाक्रम पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पी एस श्रीधरन पिल्लै ने बृहस्पतिवार को उस परिस्थिति की न्यायिक जांच की मांग की जिसकी वजह से आधारशिविर नीलक्कल में में हिंसा हुई और पुलिस ने लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारी भगवान अयप्पा मंदिर में सभी उम्रवर्ग की महिलाओं को प्रवेश संबंधी उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू करने के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

पिल्लै ने कहा कि पुलिस ने ‘जान बूझकर’ भड़काऊपूर्ण कार्रवाई की और सबरीमाला ‘रणक्षेत्र’ में तब्दील हो गया। श्रद्धालुओं ने नीलक्कल में विरोधस्वरुप अपनी प्रार्थना सभा करने के लिए जो अस्थायी शिविर बनाया था पुलिस ने उसे नष्ट कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘हमने टीवी पर भी देखा कि पुलिसकर्मियों ने भगवान अयप्पा की फ्रेमवाली तस्वीरें फेंक दी।’ उन्होंने तांत्री परिवार एवं पंडलाम महल के वरिष्ठ सदस्यों को गिरफ्तार करने और उन्हें वहां से हटाने की पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाया जो पंबा में शांतिपूर्ण विरोधप्रदर्शन कर रहे थे।

पिल्लै ने कहा कि भाजपा 22 अक्टूबर तक नीलक्कल में श्रद्धालुओं और उनके प्रदर्शन के प्रति अपना समर्थन जारी रखेगी। उसी दिन भगवान अयप्पा का मंदिर बंद हो जाएगा। इस बीच देवस्वओम मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने कहा, ‘इस हिंसा के पीछे फासीवादी ताकतों का हाथ है और सरकार का शीर्ष अदालत के आदेश को लागू करने में कोई निहित स्वार्थ नहीं है।’

उन्होंने भाजपा पर सबरीमला मंदिर मामले में दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘केंद्र आपके साथ है... आप उच्चतम न्यायालय के आदेश का विरोध करने में वाकई ईमानदार हैं तो आप उससे निपटने के लिए अध्यादेश क्यों नहीं ले आते।’

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