विपक्ष के सवालों के बीच जानिए आखिर कोरोना से कैसे लड़ रह है बिहार

महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। वहीं, कम प्रभावित राज्यों में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य हैं। कोरोना वायरस के खिलाफ इस जंग में सबसे ज्यादा निगाहें बिहार के ऊपर है।
पूरा देश इस वक्त कोरोना वायरस से जंग लड़ रहा है। भारत में अब तक इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या लगभग 11000 के आसपास है। इस वायरस ने 350 के आसपास लोगों की जान ले ली है। भारत के लगभग सभी राज्य इस वायरस की चपेट में हैं। महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। वहीं, कम प्रभावित राज्यों में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य हैं। कोरोना वायरस के खिलाफ इस जंग में सबसे ज्यादा निगाहें बिहार के ऊपर है। बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को देखकर यहां पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। बिहार में इस साल चुनाव भी है। ऐसे में विपक्ष भी बिहार के मुद्दे को खूब उठा रहा है। आज कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में बिहार का क्या स्थान है इसके बारे में हम आपको बताएंगे?
बात आंकड़ों के करते है#BiharFightsCorona district wise cases in bihar as of 10 am on 14/4/2020. 2 covid-19 positive cases in last 24 hours. pic.twitter.com/pL2grMc2nx
— sanjay kumar (@sanjayjavin) April 14, 2020
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के हिसाब से बिहार में कुल 66 लोग कोरोना वायरस के संक्रमण में हैं। सबसे ज्यादा संक्रमित लोग सिवान में हैं। सिवान में 29 लोग कोरोना वायरस की चपेट में हैं। इसके बाद बेगूसराय में आठ लोग, मुंगेर में सात, पटना-गया में 5-5 और गोपालगंज, नवादा और नालंदा में तीन तीन लोग कोरोना वायरस की चपेट में हैं। सारण, लखीसराय और भागलपुर में एक-एक व्यक्ति कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार हुआ है। कोरोना वायरस से मौत का आंकड़ा बिहार में एक है। जबकि सबसे अच्छी बात यह है कि अब तक 29 लोग इस संक्रमण से ठीक हो चुके हैं यानि कि अब बिहार में कुल 36 सक्रिय मामले हैं। पटना में 3 स्थान पर जबकि दरभंगा और मुजफ्फरपुर में एक-एक स्थान पर अब तक कुल 7727 लोगों के टेस्ट किए गए हैं।
इसे भी पढ़ें: जन सेवा में जुटे जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन, बेसहारा लोगों के बीच वितरित किया कच्चा राशन
कोरोना से कैसे निपटा जा रहा
कोरोना वायरस से बिहार के 3 जिले से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यह जिले है सिवान, नवादा और बेगूसराय। इसी को देखते हुए सरकार ने इन 3 जिलों में प्रत्येक घर की स्क्रीनिंग करने का आदेश दिया है। खास बात यह है कि जिस घर में 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति हैं उनका पूरा ब्यौरा प्राप्त करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए गए है। इसके अलावा जिन स्थानों पर कोरोना से संक्रमित व्यक्ति पाए गए हैं वहां 3 किलोमीटर तक के क्षेत्र को सील कर दिया गया है जबकि 7 किलोमीटर के दायरे को बफर जोन में रखा गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार में इस संक्रमण से स्वस्थ होने होने वाले लोगों के आंकड़े सबसे अच्छे है।
नीतीश कुमार की अपील
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये किये जा रहे कार्यों की गहन समीक्षा कर हे हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन क्षेत्रों को कोरोना हॉटस्पॉट (अत्याधिकसंक्रमणवालाक्षेत्र) क्षेत्र घोषित किया गया है, वहां सघन अभियान चलाकर प्रोटोकॉल के अनुरूप समुचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। नीतीश ने निर्देश दिया कि जहां-जहां संदिग्ध कोरोना मरीजों का सम्पर्क क्षेत्र रहा है, वैसे स्थलों पर गहन जांच की जाए। लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने के साथ-साथ लोगों को इस संबंध में जागरूक करने के लिये माइक से भी गहन प्रचार-प्रसार कराएं। मुख्यमंत्री ने अपील किया है कि वैसे लोग जिन्होंने राज्य के बाहर एवं विदेश की यात्रा की है, वे अपनी यात्रा की जानकारी नहीं छिपाएं, इससे उनको खतरा तो है ही, साथ ही उनके परिवार एवं समाज को भी खतरा है। नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित करें कि कोरोना संक्रमण के संबंध में लोगों के बीच किसी प्रकार का अफवाह न फैले। लोग भ्रमित न हों और सामाजिक सद्भाव कायम रहे। इतना ही नहीं, नीतीश कुमार ने प्रदेश से बाहर फंसे लोगों की मदद के लिए ₹1000 देने की भी घोषणा की है जिसे जारी भी कर दिया गया है। साथ ही साथ नीतीश कुमार अब रोजगार सृजन की वकालत कर रहे हैं ताकि लॉक डॉउन के बीच बिहार में बेरोजगार बैठे लोगों को किसी तरीके से राहत दी जा सके।
कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी की राज्यवासियों से अपील pic.twitter.com/d9rSCeAGSe
— Mangal Pandey (@mangalpandeybjp) April 13, 2020
राजद नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में कोविड-19 के संबंध में हुई जांच की संख्या ‘‘बहुत कम’’ है, स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचा चरमराया हुआ है और चिकित्सकीय सामग्री की खरीद ‘‘बेहद धीमी’’ है। उन्होंने राज्य सरकार पर बिहार के प्रवासी मजदूरों को नजरअंदाज करने और उनके प्रति उदासीनता दिखाने का भी आरोप लगाया। इनमें से कई प्रवासी मजदूर कोविड-19 संक्रमण के कारण अन्य राज्यों से पैदल चलकर अपने घर लौटे हैं। राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद ने कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर उत्पन्न स्थिति पर अपने अंदाज में कहा कि ‘सतर्क बिहारी लेगा टक्कर, कोरोना भागेगा दुम दबाकर।
इसे भी पढ़ें: ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन किया जाना चाहिये: नीतीश कुमार
आगे की स्थिति
फिलहाल बिहार में लॉकडाउन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद से एक बार फिर वहां 3 मई तक के लिए लॉक डाउन हो गया है। हालांकि ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि बिहार में कोरोना की स्थिति ऐसी ही रहती है तो कुछ जिलों में लॉक डाउन से राहत दी जा सकती है। इसके अलावा बिहार में कृषि संबंधित कार्यों पर कोई रोक नहीं है। दिल्ली से भारी संख्या में लौटे प्रवासी मजदूरों को भी 20 के बाद उनके क्षेत्रों में भेजा जा सकता है। अभी तक यह मजदूर राज्य के बॉर्डर पर क्वॉरेंटाइन सेंटर में हैं।
अन्य न्यूज़











