- |
- |
विधान परिषद चुनाव: भाजपा के 10 और सपा के दो उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 21, 2021 19:16
- Like

रिटर्निंग ऑफिसर बृज भूषण दुबे ने बताया कि नामांकन वापसी की अवधि गुजरने के साथ ही आज विधान परिषद चुनाव के सभी 12 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिए गए। उन सभी को प्रमाण पत्र दिये गए हैं।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 12 सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने वाले इतने ही प्रत्याशी बृहस्पतिवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिए गए। इनमें भाजपा के 10 और समाजवादी पार्टी (सपा) के दो उम्मीदवार शामिल हैं। रिटर्निंग ऑफिसर बृज भूषण दुबे ने बताया कि नामांकन वापसी की अवधि गुजरने के साथ ही आज विधान परिषद चुनाव के सभी 12 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिए गए। उन सभी को प्रमाण पत्र दिये गए हैं।
दरअसल मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी महेश चंद्र शर्मा का नामांकन निरस्त होने के बाद बाकी बचे 12 उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया था। दुबे ने बताया कि शर्मा का नामांकन इसलिए निरस्त किया गया क्योंकि उनका कोई प्रस्तावक नहीं था। उन्होंने बताया कि साथ ही नामांकन के लिए जरूरी शुल्क जमा करने की रसीद भी संलग्न नहीं की गई थी। प्रदेश विधान परिषद की 12 सीटों के लिए नाम वापसी की आखिरी तारीख 21 जनवरी थी। जरूरत पड़ने पर 28 जनवरी को मतदान का कार्यक्रम था।10 BJP and 2 Samajwadi candidates elected unopposed to Uttar Pradesh Legislative Council: Official
— Press Trust of India (@PTI_News) January 21, 2021
इसे भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव एक बार फिर मोदी के नाम पर लड़ सकती है भाजपा
निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए भाजपा के उम्मीदवारों में उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, पूर्व आईएएस अधिकारी एके शर्मा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह तथा लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, कुंवर मानवेंद्र सिंह, गोविंद नारायण शुक्ला, सलिल विश्नोई, अश्वनी त्यागी, धर्मवीर प्रजापति तथा सुरेंद्र चौधरी शामिल हैं। वहीं, सपा के अहमद हसन और राजेंद्र चौधरी भी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं।
सेंट्रल विस्टा के अंतर्गत बनेगी सुरंग, आवास से सीधा सदन पहुंच सकते हैं पीएम और उपराष्ट्रपति
- अंकित सिंह
- मार्च 4, 2021 14:56
- Like

साथ ही साथ वीवीआईपी मूवमेंट से जो सड़कें ब्लॉक करनी पड़ती है उसे भी अब नहीं करनी पड़ेगी। सेंट्रल विस्टा रीडेवेलपमेंट परियोजना के तहत प्रधानमंत्री आवास और पीएमओ साउथ ब्लॉक की तरफ होगा जबकि नॉर्थ ब्लॉक की तरफ उप राष्ट्रपति का आवास होगा। वर्तमान में जहां ट्रांसपोर्ट और श्रम शक्ति भवन मौजूद है वहीं पर सांसदों के चेंबर होगा।
सेंट्रल विस्टा परियोजना के अंतर्गत देश में नए संसद भवन का निर्माण कार्य लगातार जारी है। आजादी के 75वें वर्षगांठ पर साल 2022 में इसके पूरा होने की उम्मीद है। इन सबके बीच खबर यह आ रही है कि नए संसद भवन से जोड़ने के लिए टनल बनाए जा रहे है। यानी कि वीवीआईपी लोगों के मूवमेंट में अब ज्यादा रुकावट नहीं आएगी। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास, उप राष्ट्रपति का घर और संसद में सांसदों के चेंबर से इस टनल को जोड़ा जाएगा। इन टनल्स को बनाने का उद्देश्य बाधारहित वीवीआईपी मूवमेंट को जारी रखना है। साथ ही साथ वीवीआईपी मूवमेंट से जो सड़कें ब्लॉक करनी पड़ती है उसे भी अब नहीं करनी पड़ेगी। सेंट्रल विस्टा रीडेवेलपमेंट परियोजना के तहत प्रधानमंत्री आवास और पीएमओ साउथ ब्लॉक की तरफ होगा जबकि नॉर्थ ब्लॉक की तरफ उप राष्ट्रपति का आवास होगा। वर्तमान में जहां ट्रांसपोर्ट और श्रम शक्ति भवन मौजूद है वहीं पर सांसदों के चेंबर होगा।
इसे भी पढ़ें: PM की दाढ़ी पर थरूर का ट्वीट, केंद्रीय मंत्री बोले- अपनी बीमारी से जल्दी ठीक हो जाइये
इन टनल्स यानी कि भूमिगत सुरंगों की संख्या तीन होगी। इसकी खासियत यह है कि यह तीनों सुरंग प्रधानमंत्री के नए निवास, उपराष्ट्रपति का घर और सांसदों के चेंबर को नए संसद भवन के साथ जोड़ेगा। इन भूमिगत सुरंगों से भी वीवीआईपी मूवमेंट आसान बनेगा। हालांकि, यह कहा जा रहा है कि इस सुरंग सिंगल लेन होंगी। संसद भवन में सभी सांसदों के कार्यालय अलग-अलग होंगे और वह भी पूरी तरह डिजिटल होंगे। पेपर लेस कार्यालय बनाने की ओर केंद्र सरकार का यह पहला कदम होगा। लेकिन फिलहाल राष्ट्रपति भवन को जोड़ने के लिए कोई सुरंग नहीं बनाई जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति को बार-बार संसद जाने की आवश्यकता नहीं होती है।
इसे भी पढ़ें: राहुल गांधी पर सुशील मोदी का हमला, पूछा- देश के पहले पांच शिक्षा मंत्री केवल एक ही समुदाय से क्यों?
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में दिसंबर में संसद के नए भवन का शिलान्यास किया था। इसके बनने में लगभग 971 करोड रुपए का खर्च आएगा। इससे पहले सुप्रीप कोर्ट ने बहुमत से फैसला सुनाते हुए सेंट्रल विस्टा परियोजना की खातिर पर्यावरण मंजूरी और भूमि उपयोग में बदलाव की अधिसूचना को बरकरार रखा। सेंट्रल विस्टा परियोजना की घोषणा सितंबर 2019 में की गई थी। इसके तहत त्रिकोण के आकार वाले नए संसद भवन का निर्माण किया जाएगा जिसमें 900 से 1,200 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी। नये भवन में एक संविधान कक्ष (कॉंस्टीट्यूशन हॉल) भी होगा, जो भारत की लोकतांत्रिक धरोहर को प्रदर्शित करेगा। इसके अलावा संसद सदस्यों के लिये एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समितियों के लिये कमरे, खान-पान के लिये स्थान और वाहन पार्किंग की जगह भी होगी। संविधान कक्ष में संविधान की मूल प्रति भी रखी जाएगी। भारत की लोकतांत्रिक धरोहर आदि को डिजिटल माध्यमों से दिखाया जाएगा।
मध्य प्रदेश के सिवनी में शोरूम से दो कार चोरी, पुलिस जांच में जुटी
- दिनेश शुक्ल
- मार्च 4, 2021 14:51
- Like

चुराई गई दो कारों में से एक कार लूघरवाडा स्थित शराब दुकान के पीछे पायी गई है तो वहीं दूसरी कार को चोर लेकर भाग गये। घटना की जानकारी लगते ही सिवनी पुलिस अग्रिम कार्यवाही में जुटी है।
इसे भी पढ़ें: श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना को लेकर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने फिर उठाई आवाज, विधानसभा में नियम 52 के तहत चर्चा की माँग
BKU प्रवक्ता राकेश टिकैत का दावा, किसानों के समर्थन में भाजपा का एक सांसद देगा इस्तीफा
- अनुराग गुप्ता
- मार्च 4, 2021 14:44
- Like

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में कयास लगाए जाने लगे कि किसानों के समर्थन में पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब या फिर हरियाणा का कोई भाजपा सांसद इस्तीफा दे सकता है।
नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन तीन महीने से जारी है। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कुछ ऐसा कहा, जिससे हड़कंप मच गया। दरअसल, किसान नेता राकेश टिकैत ने दावा किया किसान आंदोलन के समर्थन में इसी महीने भारतीय जनता पार्टी के एक सांसद इस्तीफा देने वाले हैं। लेकिन यह सांसद कौन हैं, इसका जवाब राकेश टिकैत ने नहीं दिया।
इसे भी पढ़ें: राकेश टिकैत का आरोप, सरकार की ‘खामोशी’ किसानों के आंदोलन के खिलाफ कदम का इशारा
राकेश टिकैत के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में कयास लगाए जाने लगे कि किसानों के समर्थन में पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब या फिर हरियाणा का कोई भाजपा सांसद इस्तीफा दे सकता है। लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो भाजपा सांसद द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद ही पता चलेगी।
कब तक चलेगा आंदोलन ?
एक हिन्दी न्यूज चैनल के साथ बातचीत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि भाजपा के पास जितने सांसद हैं, उतने दिनों तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। जिसका मतलब साफ है किसानों का आंदोलन अभी तो समाप्त नहीं होने वाला है। किसान नेताओं की मांग है कि केंद्र तीनों कृषि कानूनों को वापस लें और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कानून बनाएं। लेकिन केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह कानूनों को वापस नहीं लेने वाले हैं।
इसे भी पढ़ें: कृषि कानून वापस होने तक आंदोलन जारी रहेगा: राकेश टिकैत
वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक सरकार बात नहीं मानेगी, आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा। सरकार से अभी बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है, तैयारी लंबी है।

