महाराष्ट्र सरकार ने इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर किया, 1986 से चली आ रही मांग

यह कदम हिंदूवादी संगठन शिव प्रतिष्ठान द्वारा सांगली कलेक्टरेट को एक ज्ञापन भेजकर इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने की मांग के बाद उठाया गया है। शिव प्रतिष्ठान का नेतृत्व संभाजी भिड़े कर रहे हैं, जिनके समर्थकों ने कहा है कि जब तक उनकी माँग पूरी नहीं हो जाती, वे चैन से नहीं बैठेंगे।
महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि सांगली ज़िले के इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर कर दिया गया है। यह घोषणा राज्य विधानसभा में मानसून सत्र के अंतिम दिन की गई। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने विधानसभा को बताया कि गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कैबिनेट के इस फैसले को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजेगी।
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यह कदम हिंदूवादी संगठन शिव प्रतिष्ठान द्वारा सांगली कलेक्टरेट को एक ज्ञापन भेजकर इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने की मांग के बाद उठाया गया है। शिव प्रतिष्ठान का नेतृत्व संभाजी भिड़े कर रहे हैं, जिनके समर्थकों ने कहा है कि जब तक उनकी माँग पूरी नहीं हो जाती, वे चैन से नहीं बैठेंगे। इस्लामपुर के एक शिवसेना नेता ने बताया कि नाम बदलने की माँग 1986 से चली आ रही है। इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर हिंदू, बौद्ध और सिख धर्म के अलावा किसी अन्य धर्म के व्यक्ति ने अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र हासिल किया है, तो उसे रद्द कर दिया जाएगा।
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फडणवीस ने विधान परिषद में कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने सरकारी नौकरियों जैसे आरक्षण का लाभ हासिल किया है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करके चुनाव जीता है, तो उसका चुनाव रद्द कर दिया जाएगा। फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार बलपूर्वक या धोखे से किए जा रहे धर्मांतरण से संबंधित मामलों से निपटने के लिए कड़े प्रावधान लाने पर विचार कर रही है और इस संबंध में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
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