देश की आजादी का अमृत महोत्सव पर मीडिया सेमिनार का हुआ आयोजन

Media seminar organized on Amrit Mahotsav of countrys independence

मानव कल्याण अध्यात्मिक संस्थान की अध्यक्षा राजयोगिनी शुक्ला ने अपने आशीर्वचन में कहा कि भारत का मूल मंत्र है त्याग, तपस्या और कुर्बानी। उन्होंने मीडिया को अपने प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक माध्यमों से समाज में शान्ति, सहयोग, अमन और भाईचारा को बढावा दें, ताकि लोगों के जीवन स्वस्थ, सुखी और समृद्ध बने।

नई दिल्ली।भारत सरकार द्वारा मनाये जा रहे देश की 'आज़ादी का अमृत महोत्सव सप्ताह' के समापन दिवस पर "मीडिया स्वतंत्रता व तनाव मुक्त पत्रकारिता वातावरण" विषय पर पत्रकारों के लिए आयोजित सेमीनार में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय जन संचार संस्थान(आईआईएमसी) के  महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि मीडिया के भारतीयकरण और समाज के अध्यात्मिकरण से ही समाज की समस्याओं का समाधान होगा।

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यह सेमिनार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय एवं मानव कल्याण अध्यात्मिक संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में ब्रह्मा कुमारी संस्था के हरि नगर स्थित राजयोग ध्यान केंद्र पर आज आयोजित किया गया। 

प्रो. द्विवेदी ने कहा कि विदेशी मीडिया पाश्चात्य के नकारात्मक मूल्यों पर आधारित है, जबकि सकारात्मक मूल्य आधारित पत्रकारिता से ही भारत का कल्याण होगा। उन्होंने अमृत महोत्सव पर पहली पंक्ति के भारतीय स्वतंत्रता सैनानियों को याद करते हुए कहा कि लगभग सभी ने समाज को जगाने के लिए अख़बार निकाले और पत्रकारिता को माध्यम बनाया। उन्होंने कहा कि मन को सुंदर, पवित्र रखने के लिए अध्यात्म की ओर जाना होगा, जिससे मन नकारामकता से प्रभावित न हो। क्योकि आध्यात्मिकता से ही लोक कल्याण संभव है।

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इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार व मीडिया प्रशिक्षक प्रो. प्रदीप माथुर ने कहा कि हमारा पुराना मीडिया सकारात्मक था इसलिए हमारे शास्त्रों आदि में सकारात्मकता ही भरी हुई है। उन्होंने कहा कि अच्छे काम करने वालों को मीडिया व समाज से प्रोत्साहन मिलना चाहिए। वास्तव में यही सकारात्मक पत्रकारिता है।ओमशांति रिट्रीट सेंटर, गुरुग्राम की निदेशका ब्रह्माकुमारी आशा जी ने कहा कि व्यक्ति अगर समाज कल्याण के कार्य में अपने को निमित्त समझे तो वह मन से हल्का रहेगा तथा ईमानदारी, पारदार्शिता व कुशलता का धनी बन जायेगा। उन्होंने संकल्प कराया कि जैसे स्वतंत्रता सैनानियों ने देश को स्वतंत्र कराने का दृढ़ संकल्प लिया था, वैसे हम भी संकल्प करें कि भारत को रावण रूपी विकारों की जंजीरों से मुक्त कराकर ही छोड़ेंगे।    

मानव कल्याण अध्यात्मिक संस्थान की अध्यक्षा राजयोगिनी शुक्ला ने अपने आशीर्वचन में कहा कि भारत का मूल मंत्र है त्याग, तपस्या और कुर्बानी। उन्होंने मीडिया को अपने प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक माध्यमों से समाज में शान्ति, सहयोग, अमन और भाईचारा को बढावा दें, ताकि लोगों के जीवन स्वस्थ, सुखी और समृद्ध बने। इस अवसर पर दिल्ली पत्रकार संघ के अध्यक्ष मनोहर सिंह एवं वरिष्ठ उर्दू पत्रकार एम. हुसैन गज़ाली ने भी विषय पर अपने विचार व अनुभव सांझा किए।

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कार्यक्रम के मध्य में, पत्रकारों को कुछ समय के लिए सामूहिक राजयोग ध्यान का अभ्यास कराया गया ताकि वे आंतरिक सुख शान्ति, संतुष्टि व मानसिक संतुलन का अनुभव कर सकें। इस मीडिया कार्यक्रम के बीच-बीच में देशभक्ति पर आधारित गीत संगीत व नृत्य के साथ साथ फ़ौजियों के शान व कुर्बानी पर बनी एक संक्षिप्त नाटिका भी पेश की गई।

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