मिशन गगनयान को मिली नई ताकत, इसरो ने पैराशूट सिस्टम का किया अहम सफल परीक्षण

मोर्टार सिस्टम में लगा 5.8 मीटर लंबा शंक्वाकार रिबन पैराशूट, पृथ्वी के वायुमंडल में गगनयान क्रू मॉड्यूल के उग्र पुन: प्रवेश के दौरान उसे धीमा और स्थिर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारत के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, गगनयान मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण पैराशूट परीक्षण का फुटेज जारी किया है। वीडियो में एक रॉकेट-चालित स्लेज पर लगे परीक्षण कैप्सूल से एक ड्रोग पैराशूट को रेल की पटरी पर तेज़ गति से दौड़ते हुए दिखाया गया है। मोर्टार सिस्टम में लगा 5.8 मीटर लंबा शंक्वाकार रिबन पैराशूट, पृथ्वी के वायुमंडल में गगनयान क्रू मॉड्यूल के उग्र पुन: प्रवेश के दौरान उसे धीमा और स्थिर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
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चंडीगढ़ में रॉकेट-स्लेड परीक्षण
इसरो के अनुसार, ये परीक्षण 8 से 10 अगस्त, 2023 के बीच चंडीगढ़ स्थित टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लेबोरेटरी (टीबीआरएल) की रेल ट्रैक रॉकेट स्लेड (आरटीआरएस) सुविधा में किए गए। इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के इंजीनियरों ने यह प्रमाणित किया कि क्या पैराशूट प्रणाली उच्च गति पर सुरक्षित रूप से खुल सकती है और पुनः प्रवेश की परिस्थितियों का सामना कर सकती है।
पैराशूटों का परीक्षण तीन परिस्थितियों में किया गया:
आंशिक रूप से तैनात (रीफ्ड)
पूरी तरह से तैनात (डिसरीफ्ड)
पुनः प्रवेश का अनुकरण करने के लिए एक तीव्र कोण पर तैनात
प्रत्येक परीक्षण सफल रहा, जो गगनयान पैराशूट प्रणाली के लिए एक प्रमुख योग्यता मील का पत्थर साबित हुआ।
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