मोदी ने राजौरी में जवानों के साथ मनाई दिवाली, बोले- सैनिकों के पराक्रम के चलते कठिन निर्णय संभव हुए

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[email protected] । Oct 27 2019 7:20PM

प्रधानमंत्री के राजौरी दौरे से कुछ घंटे पहले ही पाकिस्तानी सेना ने जिले की अग्रिम चौकियों को निशाना बनाया। पाकिस्तानी गोलाबारी का भारतीय सेना की ओर से मुंहतोड़ जवाब दिया गया।

जम्मू। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण पर तैनात सैनिकों के साथ रविवार को दिवाली मनाई और कहा कि जवानों के पराक्रम के कारण ही उनकी सरकार वे बड़े फैसले कर पाई जो असंभव माने जाते थे। प्रधानमंत्री नियंत्रण रेखा पर तैनात सैनिकों के साथ बातचीत करने के लिए सीधे सेना ब्रिगडे मुख्यालय पहुंचे। उनके साथ सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत भी थे।

प्रधानमंत्री के राजौरी दौरे से कुछ घंटे पहले ही पाकिस्तानी सेना ने जिले की अग्रिम चौकियों को निशाना बनाया। पाकिस्तानी गोलाबारी का भारतीय सेना की ओर से मुंहतोड़ जवाब दिया गया। सैन्य जैकेट पहने मोदी ने जवानों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं और मिठाइयां बांटीं।  अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री करीब दो घंटे तक वहां रहे और नियंत्रण रेखा (एलओसी) की सुरक्षा में लगे जवानों से बातचीत की। करीब एक हजार जवानों की मौजूदगी में मोदी ने कहा, ‘‘भारतीय रक्षा बलों के पराक्रम के कारण ही यह संभव हो पाया कि केंद्र सरकार को नो निर्णय लिए जो असंभव माने जाते थे।’’ उनका इशारा सीमा के उस पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के विशेष दर्जे वाले प्रावधान को हटाने से जुड़े फैसले की ओर था।

मोदी ने कहा कि हर कोई अपने परिवार के साथ दिवाली मनाना चाहता है और इसीलिए वह भी अपने भी अपने परिवार के यहां पहुंचे हैं और उनका परिवार ये बहादुर जवान हैं। उन्होंने राजौरी में ‘हॉल ऑफ फेम’ का दौरा किया और उन जवानों एवं नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने राजौरी एवं पुंछ अपने प्राण न्यौछावर किए। प्रधानमंत्री ने ‘हॉल ऑफ फेम’ को ‘पराक्रम भूमि, प्रेरणा भूमि और पावन भूमि’ करार दिया। बाद में मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘भारतीय सेना के वीर जवानों के साथ दिवाली मनाई। इन पराक्रमी जवानों के साथ संवाद करना सदा हर्ष का विषय होता है।’’ गौरतलब है कि 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री पद का शपथ लेने के बाद मोदी ने तीसरी बार जम्मू-कश्मीर में तैनात सैनिकों के साथ दिवाली मनाई है। साथ ही अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद यह कश्मीर में उनकी पहली दिवाली है।

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