सूखे से निपटने के लिए मिला धन ईमानदारी से खर्च हो: नकवी

नकवी ने कहा कि सूखा प्रभावित उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों को केंद्र सरकार हर तरह से मदद कर रही है ताकि सूखे की समस्या हमारे अन्नदाता की आत्महत्या का कारण नहीं बनने पाये।

केंद्रीय राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सूखा प्रभावित उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों को केंद्र सरकार हर तरह से मदद कर रही है ताकि सूखे की समस्या हमारे अन्नदाता की आत्महत्या का कारण नहीं बनने पाये। उन्होंने साथ ही इस बात पर जोर दिया कि केंद्र की ओर से दिये जा रहे पैसे की पाई पाई ईमानदारी से खर्च की जाए। नकवी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की सरकार ने राज्य के किसानों और खेती की दशा सुधारने के लिए कोई काम नहीं किया जिसके चलते राज्य में किसानों की दुर्दशा हुई है, खेती जर्जर हालत में है और लोगों को पानी की कमी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, ''केंद्र सरकार ने पिछले दो वर्षों में उत्तर प्रदेश में किसानों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कई हजार करोड़ रूपए आवंटित किये हैं लेकिन राज्य सरकार ने किसानों की स्थिति सुधारने के लिए कोई काम नहीं किया।’’ अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री ने कहा, ''सूखा प्रभावित उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों को केंद्र सरकार हर तरह से मदद कर रही है ताकि सूखे की समस्या हमारे अन्नदाता की आत्महत्या का कारण नहीं बन पाये। राज्य सरकारों को केंद्र द्वारा दिए जा रहे निधि की पाई पाई का खर्च ईमानदारी से करना चाहिए।’’ नकवी ने कहा कि जन प्रतिनिधियों, किसान संगठनों, स्वयं सेवी संगठनों, राजनीतिक दलों को किसानों के हितों का रक्षक और चौकीदार बनना चाहिए, ग्राम प्रधानों की इस काम में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने फसल की बर्बादी पर मुआवजे की व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है। अब यदि 30 प्रतिशत फसल भी प्रभावित होगी तो किसान को मुआवजा मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू 14 अप्रैल को बाबासाहेब अम्बेडकर के जन्म दिवस से लेकर 24 अप्रैल, 2016 को पंचायती राज दिवस तक चलने वाले ‘‘ग्रामोदय से भारत उदय अभियान’’ के तहत आज नकवी ने रामपुर में विभिन्न ग्राम सभाओं में लोगों से चर्चा की।

नकवी ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य गांव-गांव में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना, किसान की समृद्धि और पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना तथा संतुलित ग्राम विकास की परिकल्पना को साकार करना है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश की हर ग्राम सभा को विकास कार्यों के लिए 80 लाख रूपए प्रतिवर्ष देगी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार गांव, गरीब, किसान, युवाओं, महिलाओं, कमजोर तबकों, अल्पसंख्यकों सहित सभी जरूरतमंदों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तिकरण को समर्पित सरकार है। उन्होंने कहा कि गांवों-किसानों की दशा सुधारे बिना देश का संपूर्ण विकास नहीं किया जा सकता। इसी संकल्प के साथ मोदी सरकार ने गांव-किसानों के सशक्तिकरण को समर्पित योजनाएं शुरू की हैं।

नकवी ने कहा कि मोदी सरकार का लक्ष्य 5 साल में किसानों की आय दोगुनी करना है। इस साल का केंद्रीय बजट भी किसानों और गांवों को ही समर्पित है। गांव, गरीब और किसान के समुचित विकास और सशक्तिकरण को समर्पित सा बजट पहली बार आया है। इस बजट से कृषि उन्नति एवं किसान कल्याण का नया अध्याय शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि इस बार कृषि और सिंचाई के बजट में भारी वृद्धि हुई है। कृषि और किसान कल्याण के लिए 35,984 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत आबंटन बढ़ाकर 19,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है जो विगत वर्षों में जारी की गई राशि का लगभग दोगुना है। 1000 दिनों की समय सीमा के भीतर उन 18000 गांवों का विद्युतीकरण किया जा रहा है। वर्ष 2016-17 में मनरेगा के लिए 38,500 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया गया है।

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