हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र शुरू, नेताओं ने वीरभद्र को दी श्रद्धांजलि

विधानसभा के पिछले सत्र के बाद इन सभी का निधन हो गया था। इससे पूर्व दोपहर दो बजे सदन की बैठक शुरू होने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अर्की विधायक वीरभद्र सिंह, जुब्बल-कोटखाई विधायक ब्राग्टा और तीन पूर्व विधायकों के निधन पर दुख जताया।
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को शुरू हो गया, जिसमें सभी सदस्यों ने दलगत भावना से ऊपर उठकर कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सदन के सदस्यों ने छह बार के पूर्व मुख्यमंत्री सिंह, भाजपा के मुख्य सचेतक नरिंदर ब्राग्टा और पूर्व विधायकों मोहन लाल, राम सिंह और अमर सिंह चौहान को श्रद्धांजलि दी, जिसके बाद कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
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विधानसभा के पिछले सत्र के बाद इन सभी का निधन हो गया था। इससे पूर्व दोपहर दो बजे सदन की बैठक शुरू होने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अर्की विधायक वीरभद्र सिंह, जुब्बल-कोटखाई विधायक ब्राग्टा और तीन पूर्व विधायकों के निधन पर दुख जताया। राज्य में वीरभद्र सिंह के योगदान को याद करते हुए ठाकुर ने कहा कि हर किसी को उनके धैर्य और उनके द्वारा अपनाए गए विकास मॉडल से सीखना चाहिए। ठाकुर ने कहा कि वह एक विधायक थे जब वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री थे और उन्होंने हमेशा उन पर अपना प्यार और स्नेह बरसाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह वीरभद्र सिंह के परिवार के सदस्य की तरह हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके अंतिम संस्कार में मौजूद भीड़ से पता चलता है कि उनको सब लोग काफी पसंद करते थे।
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विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पहाड़ी राज्य के लिए उनकी अनुकरणीय सेवाओं के सम्मान में शिमला के रिज मैदान में वीरभद्र सिंह की एक प्रतिमा स्थापित की जानी चाहिए। वीरभद्र सिंह के बेटे और शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य ने कहा, मैंने उन्हें एक राजनेता के रूप में देखा। वीरभद्र सिंह की दिवंगत प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ पहली मुलाकात को याद करते हुए, विक्रमादित्य ने कहा कि नेहरू 1962 में महासू से कांग्रेस का टिकट देकर उनके पिता को राजनीति में लाए थे। वह देश के एकमात्र राजनेता थे जिन्हें नेहरू से लेकर मौजूदा नरेंद्र मोदी तक सभी प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने का मौका मिला था।
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