गुजरात से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनसुख वसावा ने छोड़ी पार्टी

Mansukh vasava

मनसुख वसावा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले सप्ताह पत्र लिखकर मांग की थी कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की नर्मदा जिले के 121 गांवों को पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने संबंधी अधिसूचना वापस ली जाए।

भरूच। जनजातीय मामलों पर मुखर रहने वाले गुजरात से सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मनसुख वसावा ने मंगलवार को भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और कहा कि वह संसद के बजट सत्र के बाद लोकसभा के सदस्य के तौर पर भी इस्तीफा दे देंगे। वसावा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले सप्ताह पत्र लिखकर मांग की थी कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की नर्मदा जिले के 121 गांवों को पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने संबंधी अधिसूचना वापस ली जाए। भरूच से छह बार सांसद रहे वसावा ने गुजरात भाजपा अध्यक्ष आर सी पाटिल को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मैं इस्तीफा दे रहा हूं, ताकि मेरी गलतियों के कारण पार्टी की छवि खराब न हो। मैं पार्टी का वफादार कार्यकर्ता रहा हूं, इसलिए कृपया मुझे माफ कर दीजिए।’’ 

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वसावा ने 28 दिसंबर को पाटिल को लिखे पत्र में कहा कि वह संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद भरूच से सांसद के तौर पर इस्तीफा दे देंगे। वसावा ने कहा कि उन्होंने पार्टी का वफादार बने रहने और पार्टी के मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात करने की पूरी कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अंतत: एक मनुष्य हूं और मनुष्य गलतियां कर देता है। पार्टी को मेरी गलतियों के कारण नुकसान नहीं हो, यह सुनिश्चित करने के लिए मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं और पार्टी से माफी मांगता हूं।’’ भाजपा प्रवक्ता भरत पंड्या ने कहा कि पार्टी को सोशल मीडिया के जरिए इस्तीफा मिला। पंड्या ने कहा, ‘‘पाटिल ने उनसे बात की है और उन्हें भरोसा दिलाया है कि उनकी हर समस्या का समाधान किया जाएगा। वसावा गुजरात में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद हैं और हम उनकी सभी समस्याओं को सुलझाएंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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