Prabhasakshi NewsRoom: Veer Savarkar की जयंती पर New Parliament Building का उद्घाटन क्यों कर रहे हैं PM Modi ?

New Parliament building
ANI

नया संसद भवन आने वाली पीढ़ियों को भारत की आत्मनिर्भरता की राह पर चलने की शुरुआत करने संबंधी इतिहास से तो अवगत करायेगा ही साथ ही वर्तमान सरकार की इस ऐतिहासिक उपलब्धि से भी रूबरू करायेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करेंगे। देखा जाये तो यह देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि गुलामी की जंजीरे तोड़ने के बरसों बाद भारत अपने बल पर नया मुकाम और नयी पहचान बना रहा है। वर्तमान संसद भवन 1927 में अंग्रेज शासनकाल में बना था। अंग्रेजों के अत्याचार, भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष, भारत की आजादी के गवाह और भारत के लोकतंत्र के फलने फूलने का गवाह यह संसद भवन काफी पुराना हो गया था जिसके चलते सरकार से दशकों से मांग की जा रही थी कि नया संसद भवन बनवाया जाये लेकिन किसी ने यह मांग नहीं सुनी। लेकिन जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने यह मांग सुनी भी और रिकॉर्ड समय में गुणवत्ता के सभी मानकों पर खरा उतरने वाले दुनिया के सबसे आधुनिक संसद भवन का निर्माण भी करवा दिया। संयोग देखिये कि जिस दिन प्रधानमंत्री नये संसद भवन का उद्घाटन करेंगे उस दिन वीर सावरकर की जयंती भी है। माना जा रहा है कि महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की जयंती पर नये संसद भवन का उद्घाटन कर सरकार उनके आलोचकों को तगड़ा जवाब भी देना चाहती है।

नया संसद भवन आने वाली पीढ़ियों को भारत की आत्मनिर्भरता की राह पर चलने की शुरुआत करने संबंधी इतिहास से तो अवगत करायेगा ही साथ ही वर्तमान सरकार की इस ऐतिहासिक उपलब्धि से भी रूबरू करायेगा। देखा जाये तो आज जब गर्व का समय है तब कांग्रेस और उन जैसे परिवारवादी मानसिकता वाले दलों की जो टिप्पणियां सामने आ रही हैं वह दुर्भाग्यपूर्ण हैं। कांग्रेस ने नये संसद भवन को सिर्फ एक इमारत बताते हुए इसे प्रधानमंत्री की निजी महत्वाकांक्षा भी बताया है। कांग्रेस शायद भूल गयी है कि भारतीय संसद को लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है। शायद लोकतंत्र के प्रति इतनी बेरुखी और संवैधानिक प्रतिष्ठानों के प्रति ऐसी सोच के कारण ही जनता कांग्रेस को केंद्र की सत्ता से दूर बनाये हुए है।

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जहां तक लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बयान की बात है तो आपको बता दें कि संसद के नवनिर्मित भवन का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी से भेंट कर उनसे इसका उद्घाटन करने का आग्रह किया था। बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करेंगे।’’

बयान में कहा गया है कि लोकसभा तथा राज्यसभा ने पांच अगस्त, 2019 को सरकार से संसद के नए भवन के निर्माण के लिए आग्रह किया था। इसके बाद 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का शिलान्यास किया गया। संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है। बयान के अनुसार, अब संसद का नवनिर्मित भवन जहां एक ओर भारत की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपराओं एवं संवैधानिक मूल्यों को और अधिक समृद्ध करने का कार्य करेगा, वहीं अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस भवन में सदस्यों को अपने कार्यों को और बेहतर तरीके से निष्पादित करने में सहायता मिलेगी। हम आपको बता दें कि नये संसद भवन के अंतर्गत लोकसभा में 888 सदस्यों और राज्यसभा में 384 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था की गई है। संसद के वर्तमान भवन मैं लोकसभा में 550 जबकि राज्यसभा में 250 माननीय सदस्यों की बैठक की व्यवस्था है।

हम आपको यह भी याद दिला दें कि संसद की नई इमारत का निर्माण दो साल पहले शुरू हुआ था। नई इमारत राष्ट्र के शक्ति केंद्र सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास का हिस्सा है। राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की सड़क का नवीनीकरण, एक सामान्य केंद्रीय सचिवालय का निर्माण, प्रधानमंत्री का एक नया कार्यालय और आवास और एक नया उपराष्ट्रपति एन्क्लेव भी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा पूरी की जा रही इस परियोजना का हिस्सा हैं। संसद की नई इमारत का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। इस इमारत में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान कक्ष, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान होगा।

दूसरी ओर, कांग्रेस ने कहा है कि नवनिर्मित संसद भवन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा वाली परियोजना’ है। इसी के साथ ही पार्टी ने सवाल किया कि ऐसी इमारत की जरूरत ही क्या है, जब विपक्ष के ‘माइक’ बंद कर दिये गये हैं। विपक्षी दल ने यह भी कहा कि संसद भवन सिर्फ इमारत नहीं है बल्कि बेजुबानों की जुबान है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने नये संसद भवन में चल रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री की एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘28 मई को उद्घाटन किये जाने वाले नये संसद भवन के एकमात्र वास्तुकार, डिजाइनर और श्रमिक। तस्वीर सबकुछ बयां करती है... व्यक्तिगत महात्वाकांक्षा वाली परियोजना।’’ वहीं कांग्रेस सांसद और लोकसभा में पार्टी के सचेतक मणिकम टैगोर ने ट्वीट किया, ‘‘संसद भवन सिर्फ ईंट और सीमेंट की बनी दीवारें नहीं है, यह बेजुबानों की जुबान है।’’ उन्होंने सवाल किया है, ‘‘यह जगह की बात नहीं है... यह सुविधाओं की बात नहीं है... यह आवाज है। लेकिन जब विपक्ष के माइक ही बंद हैं तो इसकी जरूरत क्या है।’’

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