निर्भया मामला: दिल्ली की अदालत ने दोषी को कानूनी मदद की पेशकश की
दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा पाये चार दोषियों में से एक पवन गुप्ता को बुधवार को कानूनी मदद देने की पेशकश की। दोषी पवन ने कहा था कि उसके पास वकील नहीं है, जिसके बाद अदालत ने यह पेशकश की है।
नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा पाये चार दोषियों में से एक पवन गुप्ता को बुधवार को कानूनी मदद देने की पेशकश की। दोषी पवन ने कहा था कि उसके पास वकील नहीं है, जिसके बाद अदालत ने यह पेशकश की है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने पवन की ओर से विलंब करने पर नाराजगी जताई जिसने कहा कि उसने अपने पहले वाले वकील को हटा दिया है और नया वकील करने के लिए उसे समय चाहिए।
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निर्भया के माता-पिता और दिल्ली सरकार ने मंगलवार को अदालत का रूख कर दोषियों के खिलाफ नया मृत्यु वारंट जारी करने का अनुरोध किया था। पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26), अक्षय कुमार (31) और मुकेश कुमार सिंह (32) को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दी जानी थी। दूसरी बार मृत्यु वारंट पर तामील टाली गई थी। पहली बार चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी देने का मृत्यु वारंट जारी किया गया था। इस पर 17 जनवरी को स्थगन दिया गया था। उसी दिन फिर उन्हें एक फरवरी को फांसी देने के लिए दूसरा वारंट जारी किया गया जिस पर अदालत ने 31 जनवरी को ‘‘अगले आदेशों तक’’ रोक लगा दी थी।
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गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार और बर्बरता की गयी थी। सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी।
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