सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री होंगे नीतीश, लेकिन... बिहार CM की PM उम्मीदवारी पर बोले उपेंद्र कुशवाहा

Upendra Kushwaha
ANI
अंकित सिंह । Aug 22 2022 10:09AM

पिछले साल ही जदयू में लौटे कुशवाहा ने आरएलएसपी का इस दल में विलय कर दिया था। उन्होंने नीतीश से अलग होकर 2013 में आरएलएसपी का गठन किया था। उन्होंने कहा कि वह केंद्र में मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य, विधायक रह चुके हैं और अब विधान परिषद के सदस्य हैं।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू लगातार उन्हें प्रधानमंत्री मटेरियल बता दे रही है। जबसे नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई है, तब से जदयू की ओर से इस बात को और भी आत्मविश्वास के साथ कहा जा रहा है। जदयू के साथ-साथ बिहार के उप मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को बेहतर प्रधानमंत्री मटेरियल बता रहे हैं। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक यह भी मानते हैं कि विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के साझा उम्मीदवार बनने में नीतीश कुमार के लिए कई चुनौतियां भी हैं। विपक्षी दलों के कई नेता इस पद की रेस में हैं। ऐसे में एक बार फिर से जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा का बयान भी इसको लेकर सामने आया है। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने साफ तौर पर कहा है कि नीतीश कुमार सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री साबित होंगे, बशर्ते परिस्थितियां उनके अनुकूल हो। उन्होंने यह भी कहा है कि जदयू विपक्ष की एकता की कीमत पर इसके लिए जोर नहीं डालेगी।

इसे भी पढ़ें: बिहार के दिहाड़ी मजदूर को मिला 37.5 लाख रुपये का आयकर का नोटिस

इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा से यह भी पूछा गया कि अगर नीतीश कुमार राष्ट्रीय राजनीति का रुख करते हैं तो बिहार में उनका उत्तराधिकारी कौन होगा? इस सवाल का जवाब तो उपेंद्र कुशवाहा टाल गए लेकिन इस बात का दावा बार-बार करते रहे कि नीतीश कुमार बेहतर प्रधानमंत्री साबित होंगे। जदयू नेता ने यह भी कहा है कि हम एकजुट विपक्ष की संभावनाओं को खतरे में डालकर ऐसा कोई दावा नहीं करने जा रहे हैं। बताया जा रहा था कि उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज चल रहे हैं। वह पिछले 1 सप्ताह से बिहार के बाहर थे। उनकी नाराजगी की खबरें चल रही थी। लेकिन बिहार लौटने के साथ ही उन्होंने इस को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कृपया इसे रिकॉर्ड कर लें और अगर मैं कभी अपने शब्दों से पीछे हटता हूं तो मुझे याद दिलाएं। मैं राज्य में कभी मंत्री नहीं बनने जा रहा हूं। ऐसा करना मेरे लिए पदावनति होगी।

इसे भी पढ़ें: गडकरी ने भाजपा के सत्ता में आने का श्रेय वाजपेयी, आडवाणी के प्रयासों को दिया

पिछले साल ही जदयू में लौटे कुशवाहा ने आरएलएसपी का इस दल में विलय कर दिया था। उन्होंने नीतीश से अलग होकर 2013 में आरएलएसपी का गठन किया था। उन्होंने कहा कि वह केंद्र में मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य, विधायक रह चुके हैं और अब विधान परिषद के सदस्य हैं। कुशवाहा ने कहा कि मेरे लिए राज्य कैबिनेट की सीट मायने नहीं रखती। मुझे विश्वास है कि हमारे नेता (नीतीश) समाजवादी विचारधारा को बनाए रखने के अभियान का नेतृत्व करने के लिए सबसे अच्छे व्यक्ति हैं। अभी मेरा ध्यान सिर्फ 2024 तक अपनी पार्टी और अपने नेता को स्थापित करने पर है। अगला लोकसभा चुनाव 2024 में होना है। नीतीश के राष्ट्रीय राजनीति में चले जाने के बाद वह स्वयं को या तेजस्वी यादव, किसको उनके उत्तराधिकारी के रूप में देचाते हैं, यह सवाल करने पर कुशवाहा ने इसे एक काल्पनिक सवाल बताते हुए इसे टाल दिया। कुशवाहा कुछ साल पहले तक राजग में थे लेकिन जदयू में वापसी के बाद वह भाजपा के सबसे उग्र आलोचक के रूप में उभरे हैं। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़