IIIT Kota का प्रथम दीक्षांत समारोह, ओम बिरला ने कहा- देश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में युवाओं की विशेष भूमिका

आईआईआईटी कोटा के लिए आज ऐतिहासिक पल था। आईआईआईटी कोटा का आज प्रथम दीक्षांत समारोह था जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला शामिल हुए। आईआईआईटी कोटा के प्रथम दीक्षांत समारोह में शामिल होने पर ओम बिरला ने प्रसन्नता जताते हुए डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों और उनके माता-पिता को बधाई दी। साथ ही साथ उन्होंने शिक्षकों और प्रबंधन का भी साधुवाद किया। ओम बिरला ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए आज का यह दिन में जीवन भर अविस्मरणीय रहेगा।
अपने संबोधन में ओम बिरला ने कहा कि आने वाले समय में कोटा आईटी का हब बनेगा। डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों देश और समाज की दिशा निर्धारित करेंगे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी स्वयं और देश के करोड़ों लोगों का जीवन बदलने के लिए काम करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने भी कहा कि विद्यार्थी काम कहीं भी करें पर मातृभूमि और देश की जरूरतों का भी ध्यान रखेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज का भारत नई सोच वाला भारत है। पूरे विश्व को भारत पर भरोसा है। किसी भी दूसरे देश में जाएं वहां की श्रेष्ठ कंपनियों के उच्च पदों पर भारतीय ही हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिभा, परिश्रम और क्षमता में भारतीय विद्यार्थी विश्व में सर्वश्रेष्ठ होते हैं। जीवन में सफल होने के लिए Quality, Reliability और Accessibility जरूरी है।शिक्षा की काशी कोटा जल्द राजस्थान का प्रमुख IT केंद्र बनकर उभरेगा। @IIITKotaOffice का इसमें अहम योगदान होगा। इस संस्था के विद्यार्थी देश और समाज को नई दिशा देंगे। IIIT-Kota के प्रथम दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।https://t.co/uDrqwQt5VO
— Om Birla (@ombirlakota) October 30, 2021
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कोटा के सांसद ने कहा कि देश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में युवाओं की विशेष भूमिका होगी। देश में सामाजिक आर्थिक बदलाव लाने में भी इनकी विशेष भूमिका रहने वाली हैं। उन्होंने कहा कि देश को प्रोडक्शन, इंफॉर्मेशन, इनोवेशन और कम्युनिकेशन का केंद्र बनाना है। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि वह नौकरी तलाशने नहीं बल्कि नौकरी देने के लिए आगे आए। उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से समृद्ध युवाओं को वैश्विक चुनौतियों का समाधान तलाशना होगा। साथ ही साथ जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन, जल प्रबंधन और सतत विकास के लिए नवाचार उपाय करने होंगे।
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