पेगासस और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी सदस्यों का हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही बाधित

पेगासस जासूसी मामला और कुछ अन्य मुद्दों पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद करीब सवा दो बजे अपराह्न 3:30 बजे तक के लिये स्थगित कर दी गयी।
नयी दिल्ली। पेगासस जासूसी मामला और कुछ अन्य मुद्दों पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद करीब सवा दो बजे अपराह्न 3:30 बजे तक के लिये स्थगित कर दी गयी। हंगामे के बीच ही सदन ने ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एवं संलग्न क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिये आयोग विधेयक, 2021’ को मंजूरी दे दी।
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इससे पहले आज सुबह बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन के आठ पूर्व सदस्यों के निधन की जानकारी दी और सदन ने उनके सम्मान में कुछ पल का मौन रखा। इसके बाद अध्यक्ष बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया। इसी दौरान कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत अन्य कुछ विपक्षी दलों के सदस्य पेगासस जासूसी मामले पर सदन में चर्चा कराने की मांग को लेकर आसन के समीप नारेबाजी करने लगे। शोर-शराबे के बीच ही रेल राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने रुकी हुई रेल परियोजनाओं के संबंध में सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर दिये। आसन के समीप पोस्टर दिखा रहे विपक्षी सदस्यों से नाराजगी जताते हुए अध्यक्ष बिरला ने उनसे सदन की गरिमा बनाये रखने को कहा। उन्होंने कहा, ‘‘यह तरीका ठीक नहीं है।
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यह बिल्कुल गलत है। आप संसद की मर्यादा और आसन का अपमान करने की कोशिश मत कीजिए।’’ अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी नहीं थमने पर कार्यवाही शुरू होने के लगभग 15 मिनट बाद 11:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। एक बार के स्थगन के बाद 11:30 बजे कार्यवाही पुन: शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा और विपक्षी सदस्य आसन के समीप आकर पहले की तरह ही नारेबाजी करने लगे। विपक्षी सदस्यों ने ‘प्रधानमंत्री सदन में आओ’, ‘खेला होबे’ और ‘जासूसी बंद करो’ के नारे लगाए। पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘आप ऐसा कुछ मत कीजिए जिससे आसन को कार्रवाई करनी पड़े। यह अस्वीकार्य है।’’ व्यवस्था बनते हुए नहीं देख अग्रवाल ने कुछ ही मिनट बाद कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर 12 बजे कार्यवाही फिर से आरंभ होने पर सदन में स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही।
विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही पीठासीन सभापति अग्रवाल ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने दोपहर करीब 12 बजकर 10 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। अपराह्न दो बजे सदन की बैठक पुन: शुरू हुई तो पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने हंगामे के बीच ही ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एवं संलग्न क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिये आयोग विधेयक, 2021’ को सदन में चर्चा और पारित कराने के लिए रखा।
सदन ने हंगामे के बीच ही तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय और रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरसपी) के एन. के. प्रेमचंद्रन के कुछ संशोधनों को अस्वीकृत करते हुए उक्त विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। पीठासीन सभापति अग्रवाल ने शोर-शराबा नहीं थमने पर अपराह्न करीब सवा दो बजे सदन की कार्यवाही 3:30 बजे तक स्थगित कर दी। गत 19 जुलाई को मॉनसून सत्र की शुरुआत से ही कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य पेगासस जासूसी मामला और केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों समेत अन्य मुद्दों पर नारेबाजी कर रहे हैं। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित रही है।
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