‘सिर कलम करने’ की टिप्पणी ओवैसी को जवाब था: रामदेव

योग गुरु रामदेव आज अपने इस विवादास्पद टिप्पणी से पलटते दिखे कि वह ‘भारत माता की जय’ बोलने से इनकार करने वाले लोगों का ‘‘सिर कलम’’ कर देते और कहा कि वह महज एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के इस बयान पर जवाब दे रहे थे कि उनकी गर्दन पर चाकू भी रख दिया जाए तो भी वह यह नारा नहीं लगाएंगे। रामदेव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस्लाम या ईसाइयत जैसे मजहबों का अपमान करना उतनी ही ‘‘बेवकूफी भरा’’ होगा जितना ओवैसी का बयान।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अहिंसा, सह-अस्तित्व और भाईचारगी में विश्वास करता हूं। यह कहना गलत होगा कि भले ही मेरा सिर कलम कर दो, लेकिन मैं कुरान या बाइबल का सम्मान नहीं करूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अपने धर्म पर गर्व है लेकिन यह मुझे दूसरे मजहबों का अपमान करने का लाइसेंस नहीं देता। यह उतना ही बेवकूफी भरा होगा जितना ओवैसी।’’ रामदेव ने कहा, ‘‘वह फौरन कहते हैं कि मेरा सिर कलम कर दो, लेकिन मैं ‘भारत माता की जय’ नहीं कहूंगा। इसलिए, मैंने ठेठ भाषा में कहा कि मैं ऐसा कर सकता था, लेकिन मैं संविधान में यकीन रखता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसी को मुझसे डरने की जरूरत नहीं है..वह तो बात की बात थी। अगर कोई ‘भारत माता की जय’ बोलना चाहता है तो उसे बोलने दो। इसका विरोध करने की क्या बात है।’’
रामदेव ने कहा कि जेएनयू और श्रीनगर स्थित एनआईटी की घटनाएं देश में विचारधारा, उसूलों और नीति में संकट से उपजीं हैं। उनसे जब पनामा पेपर्स में भारतीय मेगास्टार अमिताभ बच्चन के नाम होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बॉलीवुड स्टार ‘‘अच्छे आदमी’’ प्रतीत होते हैं लेकिन उन्हें पाक-साफ निकलने की जरूरत है और उन्हें कहना चाहिए कि वह मामले में जांच के लिए तैयार हैं।
उन्होंने विभिन्न सवालों का जवाब देते हुए कहा कि उत्तराखंड के राजनीतिक उथलपुथल में उनकी कोई भूमिका नहीं है। कालेधन के मुद्दे पर अतीत में मुखर रहे रामदेव ने कहा कि उन्होंने निबटने के लिए यह मुद्दा ‘‘मोदी जी’’ पर छोड़ दिया है। ‘‘मेरा पूरा ध्यान योग पर है।’’ उन्होंने दिल्ली में सम-विषम कार्यक्रम के लिए अरविन्द केजरीवाल की आप सरकार की और बिहार में शराब बंदी लागू करने के लिए नीतिश कुमार सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को उन पर अमल करना चाहिए।
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