पाकिस्तानी जासूसों का सबूत के साथ भंडाफोड़, भारत ने खदेड़ा

ind pak
अंकित सिंह । Jun 2 2020 4:33PM

पाकिस्तान के आईएसआई की तरफ से सेना के जवानों का नंबर मुहैया कराया जाता था। उसके बाद यह तीनों जवानों से बात करके मिलनसार होने की कोशिश करते थे ताकि उनसे राज निकलवाया जाए।

कोरोनावायरस संकट के दौरान भी पाकिस्तान अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहा है। वह लगातार भारत के खिलाफ अपने नापाक हरकतें जारी रखा हुआ है। इसी बीच पाकिस्तानी हाई कमीशन में तैनात जासूसों का एक वीडियो वायरल हो रहा है। अब यह वीडियो और एक ऑडियो टेप भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के हाथ लग गया है। टेप को सुनकर पाकिस्तान की सारी करतूतों को आसानी से समझा जा सकता है। पाकिस्तान अपने कमिशन में जासूसों को तैनात कर भारतीय सेना में सेंध लगाने की कोशिश करता है। यह जासूस सेना के जवानों को अपने झांसे में लेने की कोशिश करते हैं, कभी यह अपने आप को सेना का हिस्सा बताते हैं तो कभी खुद को सेना का कलर्क बताते हैं। इतना ही नहीं यह किसी जवान को झांसे में फंसाकर उनसे बाहर मिलने की बात करते है और जानकारी इकट्ठा कर पाकिस्तान को भेजते है। 

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यह जासूस खुद को व्यापारी भी बताते थे। लेकिन जब इन पर सुरक्षा एजेंसियों को शक बढ़ा तो इन्हें भारत से 24 घंटे के भीतर पाकिस्तान लौट जाने को कहा गया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पाकिस्तान पहुंच गए हैं। करोल बाग के एक रेस्टोरेंट में आबिद हुसैन और ताहिर खान के अलावा इनका एक ड्राइवर की पकड़ा गया था। यह तीनों पाकिस्तानी नागरिक थे। ये दावा किया जा रहा है कि यह तीनों भारत के कई डिफेंस कर्मचारियों से मिल चुके हैं। पाकिस्तान के आईएसआई की तरफ से सेना के जवानों का नंबर मुहैया कराया जाता था। उसके बाद यह तीनों जवानों से बात करके मिलनसार होने की कोशिश करते थे ताकि उनसे राज निकलवाया जाए। इन राज को इकट्ठा कर वे पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई को भेजते हैं। उनके आईएसआई से डायरेक्ट संपर्क में होने की भी सुबूत मिले हैं।

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यह भी दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना की खुफिया यूनिट को इनके नापाक साजिश का शक होने लगा था। ऐसे में यूनिट इन पर लगातार नजर रखे हुए थी। जासूसों पर 3 महीने तक नजर रखी गई। यह लोग कहां जाते थे, किससे मिलते थे, किससे बातें करते थे और इनका क्या काम है, इस तरह की जानकारी जुटाई गई। आर्मी के ऑफिसर्स ने इनसे मीटिंग फिक्स की और इनका स्टिंग ऑपरेशन का प्लान भी किया। भारतीय एजेंसियों को इस बात का पता था कि अगर पाकिस्तान बेनकाब होता है तो वह शोर मचाएगा। ऐसे में तमाम सबूतों के साथ इन्हें पकड़ा गया। जो वीडियो वायरल हो रही है वह लॉकडउन से पहले की है। यह तीनों नागरिकों से करोल बाग में एक डिफेंस कर्मचारी मिलने गए थे। इन्हें धर दबोचा गया। इनके पास से ₹15000 और दो आईफोन भी मिले हैं। आबिद और ताहिर के पास फर्जी आधार कार्ड भी बरामद हुए। जबकि कार जावेद हुसैन चला रहा था।

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पर्दाफाश होने के बाद इन्हें तत्काल देश छोड़ने के आदेश दिए गए जिसके बाद यह अपने स्वदेश लौट गए हैं। भारत के इस कदम से पाकिस्तान बौखला गया है। इन जासूसों के खिलाफ ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज भी की गई है। इन दो अफसरों को पकड़े जाने और देश छोड़ने के आदेश दिए जाने के बाद पाकिस्तान समझ नहीं पा रहा कि उसे क्या करना चाहिए। उसने बौखलाहट में भारतीय अफसरों को तलब किया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास के अधिकारियों को समन भेजा है। हालांकि भारत की ओर से इस मामले को लेकर पाकिस्तान के उप राजदूत को एक आपत्ति पत्र लिखा जा चुका है।

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