मध्य प्रदेश विधानसभा में गूंजा पीईबी परीक्षा गड़बड़ी मामला, पहली बार के विधायकों ने किए प्रश्न

Madhya Pradesh Assembly
दिनेश शुक्ल । Mar 15 2021 10:32PM

विधानसभा में सोमवार को सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की पहल पर सिर्फ पहली बार निर्वाचित हुए विधायकों ने ही पूरक सवाल किए।

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष की पहल पर एक नया प्रयोग देखने को मिला। प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में पहली बार चुनकर आए विधायकों को प्रश्न पूछने का अवसर दिया गया। वहीं, सदन में कोरोना के बढ़ते मामलों को मुद्दा भी उठा तो वहीं विपक्ष ने मतदाता सूची में गड़बड़ी और पीईबी की परीक्षा में धांधली को लेकर सदन में जमकर हंगामा किया और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।

 

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विधानसभा में सोमवार को सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की पहल पर सिर्फ पहली बार निर्वाचित हुए विधायकों ने ही पूरक सवाल किए। प्रश्नकाल के लिए निर्धारित समय एक घंटे के दौरान पंद्रह प्रश्नों से संबंधित पूरक सवाल संबंधित प्रश्नकर्ता विधायक ने किए और संबंधित विभागीय मंत्री ने उनके जवाब दिए। राज्य विधानसभा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ और यह पहल विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने की। अनेक सदस्यों ने इस नवाचार के लिए अध्यक्ष के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया और फिर क्रम के अनुसार सदस्यों ने पूरक सवाल किए।

 

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उन्होंने सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने पर कहा कि आज प्रश्नकाल में केवल पहली बार के विधायकों के प्रश्नों को लिया गया है। लॉटरी उनकी ही निकाली गई है। उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि वे बिना भूमिका के सीधा प्रश्न करेंगे और मंत्री मुद्दे पर केंद्रित होकर जवाब देंगे। उन्होंने वरिष्ठ सदस्यों से भी अनुरोध किया कि वे जब प्रथम बार का विधायक कोई प्रश्न कर रहा हो तो उसी को प्रश्न पूछने दें। इस दौरान 15 विधायकों ने अपने सवाल पूछे। संबंधित विभाग के मंत्रियों ने जिसके जवाब दिए। खास बात यह है कि लॉटरी में इनमें 13 विधायक कांग्रेस के थे।

 

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गोहद से विधायक मेवाराम जाटव ने भिंड और मुरैना के किसानों का मामला सदन में उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों जिले के किसानों को बाजरा और मक्का की खरीदी का भुगतान नहीं किया गया। इसके जवाब में खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सभी किसानों का भुगतान कर दिया गया है। विधायक जाटव ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने असत्य जानकारी दी है। वह आसंदी के सामने धरने पर बैठ गए। हालांकि कुछ देर बाद ही उन्हें कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने वापस ले जाकर उनकी सीट पर बैठाया। 

 

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सदन में गूंजा कोरोना बढ़ने का मामला

सदन में राज्य में कोरोना के संक्रमण मामले बढऩे का मामला भी उठा। संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सदन के कम से कम चार विधायकों को कोरोना हो गया है। उन्होंने आसपास बैठने वालों विधायकों के स्वास्थ्य परीक्षण कराने की बात कही। इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री ने जो विषय उठाया है, उसके बारे में हमारी नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ से चर्चा हुई है। वे कल आएंगे और अगर कोई विशेष स्थिति बनती है तो वे भी चर्चा करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि विजयलक्ष्मी साधौ के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उन्होंने सभी सदस्यों से कोरोना टेस्ट कराने का निर्देश जारी किया।

 

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पीईबी की परीक्षा में गड़बड़ी को कांग्रेस ने बताया व्यापमं-2

सदन में मध्यप्रदेश मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने कृषि विभाग में नियुक्ति के लिए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) की ओर से कुछ समय पहले आयोजित परीक्षा में धांधली का मामला उठाया और इसे ''व्यापमं टू'' निरुपित किया।  शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने यह मामला उठाते हुए कहा कि यह प्रदेश का दूसरा व्यापमं कांड है। दस लोगों की नियुक्ति की गयी हैं, जिसमें गड़बड़ियां हुई हैं। जीतू पटवारी ने कहा कि यह पक्ष विपक्ष का मामला नहीं है। इसके साक्ष्य भी सामने आए हैं। इस मामले में सरकार चुप है। विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें आश्वस्त किया कि उनके स्तर पर विचार किया जाएगा।


वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां का मामला उठा

पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक पीसी शर्मा ने वोटर लिस्ट में गड़बडिय़ों का मामला सदन में उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि नगरी निकाय एवं पंचायत चुनाव पूर्व की वोटर लिस्ट के आधार पर कराए जा रहे हैं, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में नई वोटर लिस्ट बन चुकी है। इसके हिसाब से चुनाव कराए जाएं। इस मांग का भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने समर्थन करते हुए कहा कि वोटर लिस्ट में बहुत गड़बड़ियां हैं। एक परिवार के 6 सदस्यों के अलग-अलग बूथों में नाम है। इस तरह की कई गड़बड़ियां सामने आ चुकी है, लिहाजा वोटर लिस्ट को पुनरीक्षित किया जाए।

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