जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए लोगों को अपनाना चाहिए शाकाहार: जयराम रमेश

people-should-adopt-vegetarianism-to-meet-the-challenges-of-climate-change-says-jairam-ramesh
[email protected] । Feb 13 2020 9:28AM

रमेश राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित एक सोसायटी की ओर से आयोजित ‘कीर्ति अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला’ में पश्चिमी घाट की पारिस्थितिकी विषय पर चर्चा के दौरान अपने विचार रख रहे थे। रमेश ने कहा कि मेरा हमेशा से विचार रहा है कि अगर आप जलवायु परिवर्तन के लिए कुछ करना चाहते हैं तो शाकाहारी बन जाएं।

कोच्चि (केरल)। संप्रग सरकार में पर्यावरण मंत्री रहे जयराम रमेश का कहना है कि ‘मासांहार’ जलवायु परिवर्तन का बहुत बड़ा कारक है और इस समस्या से निपटने के लिए लोगों को शाकाहार अपनाना चाहिए। रमेश राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित एक सोसायटी की ओर से आयोजित ‘कीर्ति अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला’ में पश्चिमी घाट की पारिस्थितिकी विषय पर चर्चा के दौरान अपने विचार रख रहे थे।

इसे भी पढ़ें: हम जिसे सबसे अधिक पवित्र मानते हैं उसे ही सर्वाधिक प्रदूषित करते हैः जयराम रमेश

राज्यसभा सदस्य रमेश ने कहा, ‘‘मुझे पता है कि केरल के भोजन में ‘बीफ करी’ (मांस) बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि मांसाहारी भोजन का कार्बन फुटप्रिंट (कार्बन उत्सर्जन) शाकाहारी भोजन के मुकाबले ज्यादा होता है।’’ वह जलवायु परिर्वतन से निपटने में शाकाहार की भूमिका पर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे।

इसे भी पढ़ें: जलवायु परिवर्तन की गंभीर चुनौतियों के बीच भारत के लिए अच्छी खबर

रमेश ने कहा, ‘‘मेरा हमेशा से विचार रहा है कि अगर आप जलवायु परिवर्तन के लिए कुछ करना चाहते हैं तो शाकाहारी बन जाएं।’’ उन्होंने कहा कि मवेशी पालन के लिए अर्जेंटिना, ब्राजील और अमेरिका में जंगल काटे जा रहे हैं। मवेशियों की बढ़ती संख्या से मिथेन गैस का उत्सर्जन बढ़ता है जो कार्बन डाईऑक्साइड के मुकाबले ज्यादा शक्तिशाली ग्रीन हाउस गैस है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि भोजन व्यक्ति की अपनी जीवनशैली का हिस्सा है और भारत में मांसाहार का सेवन विदेशों के मुकाबले काफी अलग है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़