दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की मार, कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में

pollution-hits-delhi-ncr-air-quality-in-very-poor-category-at-many-places
[email protected] । Oct 16 2019 11:46AM

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री कैलाश गहलोत ने केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखकर ‘सफर’ के आंकड़ों तक पहुंच मुहैया कराने का आग्रह किया है, ताकि प्रशासन वायु प्रदूषण को रोकने के लिए तत्काल सुधारात्मक उपाय कर सके।

नयी दिल्ली। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कई इलाकों में बुधवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘‘बहुत खराब’’ श्रेणी में रही और 10 माइक्रोमीटर से कम व्यास के पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण रहे। दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (299) भी ‘‘बहुत खराब’’ स्तर पर पहुंच गया है। यह मंगलवार को शाम चार बजे तक 270 था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में 37 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 17 केंद्रों में समग्र एक्यूआई की ‘‘बहुत खराब’’ श्रेणी दर्ज की गई। एक्यूआई मुंडका में 368, द्वारका सेक्टर 8 में 362, दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में 355, आनंद विहार में 328, वजीरपुर में 323, रोहिणी में 323, बवाना में 320, अशोक विहार में 319, नेहरू नगर में 319 और जहांगीरपुरी में 318 रहा। 

इनके अलावा अलीपुर (314), नरेला (312), विवेक विहार (311), सिरी फोर्ट (309), सीआरआरआई - मथुरा रोड (304), ओखला फेज 2 (303) और आईटीओ (302) में भी बहुत खराब वायु गुणवत्ता रही। पड़ोसी इलाकों गाजियाबाद (337), लोनी देहात (335), नोएडा (318) और ग्रेटर नोएडा (308) में भी प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई। एक्यूआई 0 से 50 के बीच होने पर ‘अच्छा’ होता है, जबकि 51 से 100 के बीच होने पर ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच होने पर उसे ‘गंभीर’ समझा जाता है। 

इसे भी पढ़ें: कैलाश गहलोत का प्रदूषण पर केंद्र से ‘सफर’ की तकनीकी विशेषज्ञता साझा करने का अनुरोध

केंद्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली और अनुसंधान (सफर) ने मंगलवार को पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने की घटनाएं ‘‘बढ़ती’’ देखी थी और पूर्वानुमान जताया था कि दिल्ली की पीएम 2.5 सांद्रता में पराली जलाए जाने की भागीदारी बुधवार को करीब छह प्रतिशत रहेगी। दिल्ली सरकार ने नासा से मिली तस्वीरें और आंकड़े भी साझा किए थे जिसमें दिल्ली के आस-पास के इलाकों में बड़े स्तर पर पराली जलती दिखाई गई है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री कैलाश गहलोत ने केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखकर ‘सफर’ के आंकड़ों तक पहुंच मुहैया कराने का आग्रह किया है, ताकि प्रशासन वायु प्रदूषण को रोकने के लिए तत्काल सुधारात्मक उपाय कर सके। इससे पहले, पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने कहा था कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में प्रदूषण के स्थानीय स्रोत खराब वायु गुणवत्ता के मुख्य कारण हैं। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़