काऊ हग डे का मजाक बनाना सही नहीं, पश्चिमी देशों में ऐसे आयोजन के सकारात्मक लाभ सामने आये हैं

cow
ANI
गौतम मोरारका । Feb 10 2023 1:30PM

काऊ हग डे संबंधी सुझाव ने जहां सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है वहीं कुछ राजनीतिक दलों ने इसे विवादित बताते हुए नोटिस को वापस लेने की भी मांग की है। इस बीच, केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा है कि यह सब हमारी परम्पराएं रही हैं और गाय को गले लगाने में कोई हर्ज नहीं है।

यदि आप 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे मनाने की तैयारी कर रहे हैं तो आपको बता दें कि भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने एक नोटिस जारी कर लोगों से 14 फरवरी को ‘‘काउ हग डे’’ मनाने की अपील की है। पशुपालन और डेयरी विभाग के तहत आने वाले बोर्ड द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है, ‘‘सभी गाय प्रेमी गौ माता की महत्ता को ध्यान में रखते हुए तथा जिंदगी को खुशनुमा और सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण बनाने के लिए 14 फरवरी को काउ हग डे मना सकते हैं।’’ नोटिस में कहा गया है कि गायों को गले लगाने से ‘‘भावनात्मक संपन्नता’’ आएगी और ‘‘सामूहिक प्रसन्नता’’ बढ़ेगी। नोटिस में यह भी कहा गया है कि वैदिक परंपराएं ‘‘पश्चिमी संस्कृति की प्रगति’’ के कारण लगभग ‘‘विलुप्त होने के कगार’’ पर हैं और ‘‘पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध ने हमारी भौतिक संस्कृति तथा विरासत को लगभग भुला दिया है।’’

इस नोटिस ने जहां सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है वहीं कुछ राजनीतिक दलों ने इसे विवादित बताते हुए नोटिस को वापस लेने की भी मांग की है। इस बीच, केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा है कि यह सब हमारी परम्पराएं रही हैं और गाय को गले लगाने में कोई हर्ज नहीं है।

वहीं केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने भी 14 फरवरी को ‘काउ हग डे’ मनाने के लिए भारतीय पशु कल्याण बोर्ड द्वारा जारी किए गए नोटिस का समर्थन करते हुए कहा है कि सभी को गाय से प्यार करना चाहिए। नोटिस के बारे में पूछे जाने पर गिरिराज सिंह ने कहा, ‘‘यह एक अच्छी पहल है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें गायों से प्यार करना चाहिए। मुझे खुशी है कि यह मिशन शुरू किया गया है। आपको भी गायों से प्यार करना चाहिए।’’ 

दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश के पशुपालन मंत्री धरमपाल सिंह ने कहा है कि 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे की बजाय ‘गौ माता सम्मान दिवस’ मनाने के लिए भारतीय पशु अनुसंधान कल्याण बोर्ड द्वारा आदेश इसलिए जारी किया गया है कि क्योंकि गायें हमारे लिए सांस्कृतिक एवं आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि गायें आर्थिक रूप से इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि शून्य बजट खेती का आधार गोबर और गौमूत्र है। मंत्री ने कहा कि किसी पशुपालक को दूध दुहकर गायों को छुट्टा नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि गाय के दूध के अलावा गोबर और गौमूत्र किसानों के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि जहां गौमूत्र खेत के कीटों को नष्ट करता है, वहीं गोबर जैविक एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देता है और यह पर्यावरण अनुकूल है। मंत्री ने लोगों से होलिका दहन में गोबर से बने उपलों का उपयोग करने और गौशालाओं का निर्माण करने के लिए गाय के गोबर के साथ बायोगैस संयंत्र लगाने की भी अपील की।

दूसरी ओर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद एम आरिफ ने सरकार से मांग की है कि 14 फरवरी को ‘काऊ हग डे’ मनाने की भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की सलाह को वापस लिया जाना चाहिए। माकपा सांसद ने लोकसभा में कहा कि पशु कल्याण बोर्ड ने ‘गौमाता को हग करने’ का दिन मनाने का सुझाव दिया है। आरिफ ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हजारों आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ता इसका अनुसरण करेंगे।’’ सांसद ने व्यंग्यात्मक अंदाज में यह भी कहा कि वित्त मंत्री को पशुधन विभाग के आवंटन में कुछ राशि और जोड़नी चाहिए जो ‘‘गाय को गले लगाने के दौरान चोटिल होने वाले कार्यकर्ताओं के इलाज में काम आएगी।’’ उन्होंने कहा कि सरकार को उनकी ‘‘इस राय पर अमल करना चाहिए या ऐसा संभव नहीं है तो फिर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को केंद्रीय पशुपालन विकास मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला पर इस तरह के नोटिस को वापस लेने का दबाव बनाना चाहिए।’’

उधर, भारत में भले काऊ हग डे को लेकर तमाम तरह के मीम्स बन रहे हैं लेकिन हम आपको बता दें कि पश्चिमी देशों में यह कोई नई बात नहीं है। वहां तनाव और उच्च रक्त चाप से राहत पाने के लिए लोग गाय को गले लगाते हैं। इसके लिए अमेरिका में बड़े-बड़े फॉर्म हाउसों में आयोजन भी किये जाते हैं ताकि लोग आकर गाय को गले लगा सकें। इस बारे में कई अध्ययन भी सामने आये हैं जिनसे पता चलता है कि गाय की धीमी धड़कन, उसके शरीर का गर्म तापमान और उसके शरीर के बड़े आकार के कारण जब कोई इंसान गाय को गले लगाता है तो उसे सुखद अनुभूति मिलती है। अध्ययनों से सामने आया है कि गाय को गले लगाने से रक्तचाप कम होता है और हृदय की गति भी संतुलित होती है। कुछ मीडिया रिपोर्टों में तो विभिन्न अध्ययनों के हवाले से यहां तक कहा गया है कि मानसिक बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए गाय को गले लगाना काफी लाभदायक होता है। जहां तक गौमूत्र और गोबर से मानव जीवन को होने वाले आर्थिक और औषधीय लाभों की बात है तो भारत में तो इस बात को लोग प्राचीन काल से मानते ही हैं और अब पूरा विश्व भी इसे मान रहा है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़