प्रशांत किशोर का दावा, बिहार में 60% से ज़्यादा लोग चाहते हैं बदलाव, कांग्रेस का कोई वजूद नहीं

प्रशांत किशोर आगे कहा कि एक गठबंधन बीजेपी-जेडीयू का है और दूसरी तरफ़ आरजेडी का गठबंधन है। इसलिए बिहार के लोगों के पास सिर्फ़ तीन विकल्प हैं। पहला, अगर वे चाहते हैं कि मौजूदा व्यवस्था जारी रहे, तो उन्हें नीतीश-बीजेपी को वोट देना चाहिए
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार को लेकर बड़ा दावा किया है। प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में 60% से ज़्यादा लोग बदलाव चाहते हैं, जिसमें बेहतर शिक्षा और रोज़गार के अवसर के साथ-साथ एक नई व्यवस्था भी शामिल है... आरजेडी को यहाँ वोट इसलिए मिलते हैं क्योंकि मुसलमान बीजेपी को वोट नहीं देते। कांग्रेस का यहाँ कोई वजूद नहीं है, एआईएमआईएम हैदराबाद की पार्टी है। इन पार्टियों का कोई वजूद नहीं है। बिहार में सिर्फ़ जेडीयू, आरजेडी और बीजेपी ही पार्टियाँ हैं।
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प्रशांत किशोर आगे कहा कि एक गठबंधन बीजेपी-जेडीयू का है और दूसरी तरफ़ आरजेडी का गठबंधन है। इसलिए बिहार के लोगों के पास सिर्फ़ तीन विकल्प हैं। पहला, अगर वे चाहते हैं कि मौजूदा व्यवस्था जारी रहे, तो उन्हें नीतीश-बीजेपी को वोट देना चाहिए; दूसरा, अगर आप इस व्यवस्था से तंग आ चुके हैं, तो आपके पास दो रास्ते हैं—या तो आरजेडी का जंगल राज, अपराध और गुंडागर्दी वापस लाएँ, या एक ईमानदार और मज़बूत प्रयास (जन सुराज) में शामिल हों।
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इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हाल में अलविदा कहने वाले बिहार के सोशल मीडिया ‘इन्फ्लुएंसर’ मनीष कश्यप ने सोमवार को प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का दामन थाम लिया। वह यहां किशोर की मौजूदगी में अपने समर्थकों के साथ जन सुराज पार्टी में शामिल हुए। कश्यप के यूट्यूब अकाउंट पर लगभग एक करोड़ सब्सक्राइबर हैं। वह कुछ साल पहले पहली बार तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्हें तमिलनाडु पुलिस ने दक्षिणी राज्य में बिहारी प्रवासियों के साथ दुर्व्यवहार के कथित फर्जी वीडियो पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
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