पंजाब की बाढ़ 'मानव निर्मित आपदा', बाजवा का AAP सरकार पर गंभीर आरोप

कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पंजाब में आई बाढ़ को मानव निर्मित आपदा बताया है। उन्होंने राज्य सरकार पर बांधों से पानी छोड़ने के खराब प्रबंधन का आरोप लगाया और सिंचाई मंत्री व सचिव को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया, जिसके कारण 1.98 लाख हेक्टेयर फसल नुकसान और 56 मौतें हुईं। बाजवा ने केंद्र से मिली अपर्याप्त बाढ़ राहत निधि और विधानसभा के विशेष सत्र में प्रश्नकाल के अभाव पर भी सवाल उठाए।
पंजाब विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने शुक्रवार को पंजाब में आई बाढ़ को मानव निर्मित आपदा बताया। पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के बारे में बोलते हुए, उन्होंने राज्य सरकार पर बांधों से पानी छोड़ने के खराब प्रबंधन का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र सरकार की बाढ़ राहत निधि अपर्याप्त थी। पत्रकारों से बात करते हुए, प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि मैं पंजाब के लोगों को याद दिलाना चाहता हूँ कि विधानसभा, लोकतंत्र का सदन, लोगों की समस्याओं का समाधान खोजने के लिए है। आज पंजाब में समाज का हर वर्ग पूरी तरह से दुखी है।
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प्रताप सिंह बाजवा ने कहा पंजाब के लोग, मेरी पार्टी और मेरा मानना है कि पंजाब की बाढ़ मुख्य रूप से मानव निर्मित आपदा थी। मौसम विभाग ने पंजाब में मई-जून के महीनों में भारी बारिश की चेतावनी दी थी। केंद्रीय जल आयोग बांधों को नियंत्रित करता है। पंजाब को प्राकृतिक आपदाओं के लिए केंद्र से धन मिलता रहा, लेकिन पंजाब ने इस राशि में अपना हिस्सा क्यों नहीं दिया? बाजवा ने प्रश्नकाल और शून्यकाल जैसी चर्चाओं के अभाव के लिए विशेष सत्र की भी आलोचना की।
बाजवा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी राज्य को केवल 1600 करोड़ रुपये, यानी 8%, दिए। मेरा मानना है कि सिंचाई मंत्री मान साहब और सिंचाई सचिव व्यक्तिगत रूप से ज़िम्मेदार हैं। अगर उन्होंने धीरे-धीरे पानी छोड़ा होता, तो हमें इतना नुकसान नहीं होता... मान साहब को बताना चाहिए कि अब तक उन्होंने जितने भी विशेष सत्र बुलाए हैं, उनका क्या नतीजा निकला... विधानसभा के इस विशेष सत्र में प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं है।
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पंजाब सरकार ने राज्य में हाल ही में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए 26 से 29 सितंबर तक पंजाब विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया है। 15 सितंबर तक की बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में कुल 1,98,525 हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित हुआ है, जिसमें गुरदासपुर (40,169 हेक्टेयर), पटियाला (17,690 हेक्टेयर), तरनतारन (12,828 हेक्टेयर), फाजिल्का (25,182 हेक्टेयर), फिरोजपुर (17,257 हेक्टेयर) और कपूरथला (17,574 हेक्टेयर) आदि में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। पंजाब के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह के अनुसार, राज्य भर में बाढ़ के कारण अब तक कुल 56 लोगों की मौत हो चुकी है।
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