भारी हंगामे के बीच कई विधेयक हुए पास, जानिए दिनभर सदन में क्या कुछ हुआ

Parliament

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा,‘‘ हम देश के किसानों की व्यथा को सुबह से व्यक्त करना चाहते हैं। देशभर में लाखों की संख्या में किसान परेशान हैं। इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।’’

विवादों में घिरे तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष ने संसद में भारी हंगामा किया जिससे बुधवार को भी दोनों सदनों में गतिरोध जारी रहा। हंगामे के कारण लोकसभा एवं राज्यसभा को दो-दो बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। हालांकि शोरगुल के बीच सरकार दोनों सदनों में एक-एक विधेयक को पारित कराने में सफल रही। विपक्षी सदस्यों ने सोमवार और मंगलवार को पेट्रोलियम उत्पादों की मूल्यवृद्धि का विरोध करते हुए दोनों सदनों में हंगामा किया था। दोनों सदनों में आसन की ओर से शून्यकाल एवं प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया गया किंतु विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण यह बाधित रहा। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा,‘‘ हम देश के किसानों की व्यथा को सुबह से व्यक्त करना चाहते हैं। देशभर में लाखों की संख्या में किसान परेशान हैं। इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।’’ चौधरी ने कहा, ‘‘दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों के कथित आत्महत्या की खबर आ रही है, ऐसे में हम कैसे चुप रहे सकते हैं?’’ कांग्रेस सहित कुछ अन्य दलों के सदस्यों ने भी कार्यस्थगन नोटिस का विषय उठाया। 

इसे भी पढ़ें: संसद ने माध्यस्थम और सुलह संशोधन विधेयक 2021 को मंजूरी दी

कांग्रेस सदस्यों के शोर शराबे पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘आपके कार्यस्थगन प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं किया गया। फिर भी शोर शराबा कर रहे हैं। क्या आप भविष्य वक्ता हैं?’’ उन्होंने कहा, ‘‘(सपा के वरिष्ठ नेता) मुलायम सिंह यादव साहब, इन लोगों को समझाइए। ’’ उन्होंने कहा कि आप (विपक्षी सदस्य) बिना विषय के रोज व्यवधान पैदा करते हैं। यह गलत बात है।’’ कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य अध्यक्ष के निकट पहुंचकर नारेबाजी कर रहे थे। उन्होंने ‘काले कानून वापस लो’ और ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ के नारे लगाए। बिरला ने कहा, ‘‘आपको जनता ने चर्चा और संवाद के लिए सदन में भेजा है, लेकिन आप लोग रोज नारेबाजी करते हैं और अमर्यादित व्यवहार करते हैं...ये आपका गलत तरीका है...हमें संसद की मर्यादा रखनी चाहिए।’’ हंगामे के बीच ही सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने से संबंधित ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र विधि (विशेष उपबंध) दूसरा (संशोधन) अधिनियम-2021’ को मंजूरी प्रदान की। पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने हंगामे के बीच रेल मंत्रालय से जुड़ी अनुदान की मांगों पर चर्चा शुरू करायी।

भाजपा के रामकृपाल यादव ने चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि रेलवे देश की जीवन रेखा है। कोरोना काल में 13 लाख कर्मियों के रेल परिवार ने जिस तरह से योगदान दिया है, वह सराहनीय है। कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण यह चर्चा आगे नहीं बढ़ सकी। राज्यसभा में भी कमोबेश यही नजारा देखने को मिला। सदन में शून्यकाल शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस दिए जाने का जिक्र किया और कहा कि केंद्र के तीन नए कृषि किसानों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलनरत हैं। नेता प्रतिपक्ष खडगे ने कहा कि विपक्षी सदस्य सदन की कार्यवाही को बाधित करने यहां नहीं आए हैं और वे भी चाहते हैं कि सदन चले। उन्होंने कहा कि विपक्ष की मांग है कि पहले किसानों के मुद्दे पर चर्चा हो। 

इसे भी पढ़ें: देश में 18 महीनों के भीतर 3.17 लाख साइबर अपराध की हुई घटनाएं

सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों दीपेंद्र हुड्डा, प्रताप सिंह बाजवा व राजीव सातव, राजद के मनोज झा और द्रमुक के टी शिवा की ओर से उन्हें किसानों के मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस 267 के तहत कार्यस्थगन नोटिस मिले हैं। इसके अलावा बसपा के अशोक सिद्धार्थ की ओर से एक नोटिस पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर चर्चा के लिए मिला है। उन्होंने कहा कि अभी ग्रामीण विकास मंत्रालय सहित कई मंत्रालयों के कामकाज पर चर्चा होनी है और उस दौरान सदस्य किसानों के मुद्दे पर अपनी बात रख सकते हैं। नियम 267 के तहत सदन का सामान्य कामकाज स्थगित कर किसी अत्यावश्यक मुद्दे पर चर्चा की जाती है। सभापति ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर चर्चा से संबंधित नोटिस को वह पहले ही खारिज कर चुके हैं। अन्य सदस्यों के नोटिसों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बजट सत्र के पहले चरण में किसानों के मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है, इसलिए उन्होंने इन नोटिसों को खारिज कर दिया है।

उन्होंने कहा कि सदन में विभिन्न मंत्रालयों के कामकाज के अलावा विनियोग विधेयक आदि पर भी चर्चा होनी है। इच्छुक सदस्य उन चर्चाओं में अपनी बात रख सकते हैं। हंगामे के बीच ही सदन में माध्यस्थम और सुलह संशोधन विधेयक 2021 को संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित कर दिया। चर्चा में भाजपा, बीजद, तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों ने भाग लिया। दोनों सदनों की बैठक अब सोमवार पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होगी। बृहस्पतिवार को महाशिवरात्रि का अवकाश है। दोनों सदनों की कार्य मंत्रणा समिति ने शुक्रवार की बैठक को रद्द करने का निर्णय किया है। 

इसे भी पढ़ें: पेट्रोल-डीजल के बढ़ें दामों को लेकर राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा 

PoK में कई आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर अब भी सक्रिय 

केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्‍मीर (पीओके) में कई आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर हैं जिनका उपयोग प्रशिक्षण देने और प्रशिक्षित आतंकवादियों की जम्‍मू कश्‍मीर में घुसपैठ कराने के लिए किया जाता है। गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रिपोर्टों के अनुसार पीओके में अनेक आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर हैं, जिनका प्रयोग प्रशिक्षण देने और प्रशिक्षित आतंकवादियों की जम्‍मू कश्‍मीर में आतंकवादी गतिविधियों हेतु घुसपैठ कराने के लिए किया जाता है। इनमें से कुछ प्रशिक्षण शिविर अब भी सक्रिय हैं और वे आतंकवादियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने सीमा-पार से आतंकवादियों की घुसपैठ खत्म करने और आतंकवाद में सहायता पहुंचाने वाले बुनियादी ढांचे को स्‍थायी तौर पर नष्‍ट करने के लिए पाकिस्‍तान पर लगातार दबाव बनाया है। इसके अलावा सरकार ने सीमा-पार से आतंकवाद और आतंकी घुसपैठ में पाकिस्‍तान की सतत सहायता के मुद्दे को द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर भी बार-बार उठाया है। 

दिल्ली में 26 जनवरी की हिंसा को लेकर 38 मामले दर्ज किए गए

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बुधवार को कहा कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर विभिन्न व्यक्तियों के खिलाफ 38 मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि दिल्ली पुलिस की ओर से सूचित किया गया है कि किसानों के आंदोलन के चलते दिल्ली की सीमाओं के निकट कोई भी सड़क नहीं खोदी गई, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया गया। रेड्डी ने कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस ने सूचना दी है कि कानूनी प्रावधानों को भंग करने वाले विदेशी नागरिकों समेत कई लोगों के खिलाफ 38 मामले दर्ज किए गए हैं।’’ मंत्री के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने जानकारी दी है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने गणतंत्र दिवस पर अवरोधों को तोड़ा और ट्रैक्टर परेड के लिए दी गई अनुमति का उल्लंघन किया। 

इसे भी पढ़ें: संसद में महिला सदस्यों ने उठाया समान अधिकार दिए जाने का मुद्दा तो महंगाई पर विपक्षियों ने किया जमकर हंगामा

सीवर टैंक की हाथ से सफाई के दौरान पांच साल में 389 लोगों की मौत हुई

सरकार ने बुधवार को बताया कि 2015 से 2019 के बीच देश में सीवर टैंक की हाथ से सफाई करने के दौरान 389 लोगों की मौत हो गयी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीवर और सैप्टिक टैंक की खतरनाक ढंग से सफाई करने के कारण हुई इन मौतों को लेकर 266 लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। उन्होंने कहा कि 2015 से 2019 के दौरान सीवरों की हाथ से सफाई करने के दौरान 389 लोगों की जान गयी। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि पिछले तीन साल में सीवर और सैप्टिक टैंक साफ करते हुए 210 लोगों की जान गयी। राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने 165 मामलों में मृतकों के निकट परिजनों को मुआवजा दिया। उन्होंने बताया कि देश के 17 राज्यों में हाथ से मैला ढोने वाले 66,692 लोगों की पहचान की गयी है।

सीवीसी को 2020 में कुल 27,590 शिकायतें मिलीं: सरकार

सरकार ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को साल 2020 में कुल 27,590 शिकायतें मिलीं। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले साल सीवीसी को 27,590 शिकायतें मिलीं जिनमें से 15,004 शिकायतों को मुख्य सतर्कता अधिकारियों के पास आवश्यक कार्रवाई के लिए भेज दिया गया।

पिछले तीन वर्षो में सीबीआई ने भ्रष्टाचार के 1320 मामले दर्ज किए

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पिछले करीब तीन वर्षो में भ्रष्टाचार से जुड़े 1320 मामले दर्ज किये हैं। सरकार ने बुधवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। निचले सदन में गोपाल शेट्टी के प्रश्न के लिखित उत्तर में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डा. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सीबीआई ने साल 2020 में भ्रष्टाचार के 425 मामले, साल 2019 में 396 मामले और साल 2018 में भ्रष्टाचार के 460 मामले दर्ज किये। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने वर्तमान वर्ष में 31 जनवरी 2021 तक भ्रष्टाचार के कुल 39 मामले दर्ज किये।  

इसे भी पढ़ें: कांग्रेस का केंद्र सरकार पर आरोप, संसद में महंगाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है सरकार

जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी करने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं 

सरकार ने बुधवार को कहा कि 2011 में करायी गयी जाति आधारित जनगणना 2011 के आंकड़े जारी करने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय तथा तत्कालीन आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय द्वारा क्रमश: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना (एसईसीसी) ,2011 की गई थी। उन्होंने कहा कि जाति संबंधी आंकड़ों को छोड़कर, एसईसीसी 2011 के आंकड़ों को ग्रामीण विकास मंत्रालय तथा आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय द्वारा अंतिम रूप देकर प्रकाशित किया जा चुका है। राय ने कहा कि जाति संबंधी कच्चे आंकड़े सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को आंकड़ों के वर्गीकरण और श्रेणीकरण के लिए उपलब्‍ध करा दिए गए हैं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, इस स्थिति में जाति संबंधी आंकड़े जारी करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने अपने जवाब में कहा कि जनगणना में ,उन जातियों एवं जनजातियों की जनगणना की जाती है, जो संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश ,1950 और संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश ,1950 के अनुसार अधिसूचित हैं। स्वतंत्रता के बाद भारत ने नीतिगत रूप से अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के अतिरिक्त जातिवार जनसंख्या की गणना नहीं करने का फैसला किया है। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़